Indian Navy: भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को विशाखापत्तनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में भारत के पहले स्वदेश निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) आईएनएस निस्तार को लॉन्च किया। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने इसको बनाया है। इस पोत को गहरे समुद्र में गोताखोरी और बचाव कार्यों के लिए डिजाइन किया गया है। इस तरह के जहाज दुनिया भर में केवल कुछ ही नौसेनाओं के पास हैं। यह नौसेना के गहरे जलमग्न बचाव पोत (DSRV) के लिए मुख्य पोत के रूप में भी काम करेगा। कमीशनिंग समारोह में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी मौजूद रहे।
समुद्री ताकत में एक गौरवपूर्ण बढ़ोतरी
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश ने निस्तार को भारत की समुद्री ताकत में एक गौरवपूर्ण बढ़ोतरी बताया। इसके अलावा, उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध से इसके ऐतिहासिक संबंध को याद किया। उस दौरान इसी नाम के एक पुराने पोत ने पाकिस्तानी पनडुब्बी गाजी का पता लगाने में मदद की थी। उन्होंने आगे कहा कि ‘मुझे भरोसा है कि यह नया निस्तार मूल निस्तार की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाएगा और उसे और मजबूत करेगा।’ बता दें कि नये निस्तार का वजन लगभग 10,000 टन है और यह करीब 118 मीटर लंबा है।
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300 मीटर तक कर सकता है गोताखोरी
यह इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग स्टैंडर्ड के अनुसार बनाया गया है। यह 300 मीटर तक की गोताखोरी कर सकता है। इसमें 75 मीटर तक की उथली गोताखोरी के लिए एक साइड डाइविंग स्टेज भी है। गोताखोरों की सहायता और बचाव कार्य के लिए 1,000 मीटर की गहराई तक काम करने में सक्षम रिमोट से संचालित वाहन (ROV) भी हैं। जहाज के लगभग 75 फीसदी पुर्जे स्वदेशी हैं। यह सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत रक्षा निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है। समुद्र में जान बचाने के लिए डिजाइन किए गए इस जहाज का ‘निस्तार’ संस्कृत से लिया गया है। इसका मतलब ‘मुक्ति’ या ‘बचाव’ होता है।
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