Indian Army Director General of Military Operations: सीजफायर के बाद इंडिया और पाकिस्तान के DGMO और DG ISPR स्तर के अधिकारी ट्रेंड में हैं। दरअसल, भारत और पाकिस्तान की सेनाओं में दो महत्वपूर्ण पद होते हैं Director General of Military Operations (DGMO) और Director General of Inter-Services Public Relations (DG ISPR)। वैसे तो ये दोनों ही पद अपने-अपने देशों की सैन्य रणनीति और संचार में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन इनकी जिम्मेदारियां और कार्यक्षेत्र अलग-अलग होते हैं।
जानकारी के अनुसार भारत का DGMO मुख्य रूप से सैन्य अभियानों और रणनीति पर केंद्रित होता है, जबकि पाकिस्तान का DG ISPR मीडिया और संचार से जुड़ा होता है। आइए आपको दोनों के पद, अपने-अपने देशों की सैन्य संरचना में भूमिका, जिम्मेदारियों और कार्यक्षेत्र के बारे में डिटेल में बताते हैं।
“प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिताः”
Ready to Strike, Trained to Win.#IndianArmy pic.twitter.com/M9CA9dv1Xx— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 6, 2025
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भारत के DGMO और पाकिस्तान के DG ISPR में क्या अंतर है?
DGMO (भारत) का काम
भारत में DGMO एक हाई-लेवल सैन्य अधिकारी होता है, जो सैन्य अभियानों की प्लानिंग और उसे लागू करने की जिम्मेदारी संभालता है। यह पद आमतौर पर लेफ्टिनेंट जनरल के स्तर का होता है। DGMO का मुख्य कार्य सीमा पर सैन्य गतिविधियों की निगरानी, युद्ध रणनीति तैयार करना और सैन्य अभियानों को संचालित करना होता है।
भारत-पाकिस्तान में युद्ध के दौरान दोनों देशों के DGMO ही एक-दूसरे से बात करते हैं
DGMO भारत के सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघनों और सैन्य गतिविधियों पर नजर रखता है। इसके अलावा वे पाकिस्तान, समेत अन्य देशों के DGMO के साथ हॉटलाइन से बात करने की जिम्मेदारी निभाते हैं। युद्ध जैसी स्थिति में वे दुश्मन देश से बातचीत के जरिए सीमा पर तनाव को नियंत्रित करने, सीजफायर जैसे विषयों पर देश का पक्ष रखते हैं। इसके अलावा DGMO का काम भारतीय सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय को नियमित रूप से सैन्य गतिविधियों की जानकारी देना होता है।
𝐎𝐩𝐞𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐒𝐢𝐧𝐝𝐨𝐨𝐫 𝐇𝐨𝐧𝐨𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐎𝐮𝐫 𝐇𝐞𝐫𝐨𝐞𝐬!
While sharing an update on Operation Sindoor, DGMO Lieutenant General Rajiv Ghai shared, “In this solemn moment, we honour the brave heroes we lost in Operation Sindoor. Their sacrifices will forever be… pic.twitter.com/JHV3nTlpOb
— MyGovIndia (@mygovindia) May 11, 2025
DG ISPR (पाकिस्तान) का काम
पाकिस्तान में DG ISPR एक मीडिया और संचार से जुड़ा पद है, जो पाकिस्तानी सेना की आधिकारिक जानकारी को जनता और मीडिया तक पहुंचाने का काम करता है। यह पद आमतौर पर मेजर जनरल के स्तर का होता है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार DG ISPR पाकिस्तानी सेना की छवि को बनाए रखने और प्रचार करने का काम करते हैं। वे मीडिया ब्रीफिंग, प्रेस रिलीज और सोशल मीडिया संचार के माध्यम से सेना की गतिविधियों को जनता तक पहुंचाता है। DG ISPR युद्ध और संघर्ष के दौरान सूचना युद्ध (Information Warfare) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय सेना के DGMO और पाकिस्तान के DG ISPR दोनों अपने-अपने देश के आर्मी चीफ को रिपोर्ट करते हैं।
In its media briefing, the DG ISPR of Pakistan used a small part of a full video clip of Aaj Tak News Channel to claim Indian airfield has been destroyed.
This is an attempt by #Pakistan to mislead its own people by producing doctored footage as evidence.
The actual story in… pic.twitter.com/Bm2mKd12IO
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 12, 2025
भारतीय सेना के DGMO और पाकिस्तान के DG ISPR आर्मी चीफ को रिपोर्ट करते
हैं
पद | भारत का DGMO | पाकिस्तान का DG ISPR |
रैंक | लेफ्टिनेंट जनरल | मेजर जनरल |
मुख्य कार्य | सैन्य अभियानों की योजना और क्रियान्वयन | सेना की मीडिया और संचार रणनीति |
सीमा पर भूमिका | संघर्ष विराम उल्लंघनों की निगरानी | सैन्य रणनीति मीडिया प्रचार और सूचना युद्ध |
संवाद का तरीका | पाकिस्तानी DGMO के साथ हॉटलाइन पर बात | प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया |
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