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इंडियन आर्मी के DGMO हैं ‘बाज’, पाकिस्तान के DG ISPR ‘डाकिया’, जानिए दोनों में क्या अंतर?

Indian Army DGMO-Pakistan DG ISPR Work Explained: दोनों अपने-अपने देशों के हाई लेवल सैन्य अधिकारी होते हैं। लेकिन इंडिया के DGMO की पावर और वर्क पाकिस्तान के DG ISPR से कहीं अधिक है। जहां DGMO सैन्य रणनीति में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं वहीं, पाकिस्तानी DG ISPR का काम मीडिया और संचार से जुड़ा होता है।

Author Edited By : Amit Kasana Updated: May 12, 2025 12:37
Indian Army Director General of Military Operations, pakistan Director General of Inter-Services Public Relations, Lieutenant General Rajeev Ghai, Major General Kashif Abdullah, Ahmad Sharif Choudhary

Indian Army Director General of Military Operations: सीजफायर के बाद इंडिया और पाकिस्तान के DGMO और DG ISPR स्तर के अधिकारी ट्रेंड में हैं। दरअसल, भारत और पाकिस्तान की सेनाओं में दो महत्वपूर्ण पद होते हैं Director General of Military Operations (DGMO) और Director General of Inter-Services Public Relations (DG ISPR)। वैसे तो ये दोनों ही पद अपने-अपने देशों की सैन्य रणनीति और संचार में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन इनकी जिम्मेदारियां और कार्यक्षेत्र अलग-अलग होते हैं।

जानकारी के अनुसार भारत का DGMO मुख्य रूप से सैन्य अभियानों और रणनीति पर केंद्रित होता है, जबकि पाकिस्तान का DG ISPR मीडिया और संचार से जुड़ा होता है। आइए आपको दोनों के पद, अपने-अपने देशों की सैन्य संरचना में भूमिका, जिम्मेदारियों और कार्यक्षेत्र के बारे में डिटेल में बताते हैं।

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भारत के DGMO और पाकिस्तान के DG ISPR में क्या अंतर है?

DGMO (भारत) का काम

भारत में DGMO एक हाई-लेवल सैन्य अधिकारी होता है, जो सैन्य अभियानों की प्लानिंग और उसे लागू करने की जिम्मेदारी संभालता है। यह पद आमतौर पर लेफ्टिनेंट जनरल के स्तर का होता है। DGMO का मुख्य कार्य सीमा पर सैन्य गतिविधियों की निगरानी, युद्ध रणनीति तैयार करना और सैन्य अभियानों को संचालित करना होता है।

भारत-पाकिस्तान में युद्ध के दौरान दोनों देशों के DGMO ही एक-दूसरे से बात करते हैं

DGMO भारत के सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघनों और सैन्य गतिविधियों पर नजर रखता है। इसके अलावा वे पाकिस्तान, समेत अन्य देशों के DGMO के साथ हॉटलाइन से बात करने की जिम्मेदारी निभाते हैं। युद्ध जैसी स्थिति में वे दुश्मन देश से बातचीत के जरिए सीमा पर तनाव को नियंत्रित करने, सीजफायर जैसे विषयों पर देश का पक्ष रखते हैं। इसके अलावा DGMO का काम भारतीय सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय को नियमित रूप से सैन्य गतिविधियों की जानकारी देना होता है।

DG ISPR (पाकिस्तान) का काम

पाकिस्तान में DG ISPR एक मीडिया और संचार से जुड़ा पद है, जो पाकिस्तानी सेना की आधिकारिक जानकारी को जनता और मीडिया तक पहुंचाने का काम करता है। यह पद आमतौर पर मेजर जनरल के स्तर का होता है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार DG ISPR पाकिस्तानी सेना की छवि को बनाए रखने और प्रचार करने का काम करते हैं। वे मीडिया ब्रीफिंग, प्रेस रिलीज और सोशल मीडिया संचार के माध्यम से सेना की गतिविधियों को जनता तक पहुंचाता है। DG ISPR युद्ध और संघर्ष के दौरान सूचना युद्ध (Information Warfare) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय सेना के DGMO और पाकिस्तान के DG ISPR दोनों अपने-अपने देश के आर्मी चीफ को रिपोर्ट करते हैं।

भारतीय सेना के DGMO और पाकिस्तान के DG ISPR आर्मी चीफ को रिपोर्ट करते
हैं

पद भारत का DGMO  पाकिस्तान का DG ISPR
रैंक लेफ्टिनेंट जनरल मेजर जनरल
मुख्य कार्य सैन्य अभियानों की योजना और क्रियान्वयन सेना की मीडिया और संचार रणनीति
सीमा पर भूमिका संघर्ष विराम उल्लंघनों की निगरानी सैन्य रणनीति मीडिया प्रचार और सूचना युद्ध
संवाद का तरीका पाकिस्तानी DGMO के साथ हॉटलाइन पर बात प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया

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First published on: May 12, 2025 12:37 PM

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