उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मानसून सत्र के बीच जगदीप धनखड़ का इस्तीफा चर्चा का विषय बन गया है। अब आपको बताते हैं कि जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा है? उन्होंने मानसून सत्र के बीच ही इस्तीफा क्यों दिया? क्या मानसून सत्र के बीच विपक्ष के लिए ये मुद्दा बनेगा।
जानिए इस्तीफे में क्या लिखा?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में धनखड़ ने लिखा, स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं। उन्होंने कहा, मैं महामहिम भारत की राष्ट्रपति के प्रति उनके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद और अद्भुत कार्य संबंधों के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। मैं प्रधानमंत्री और उनकी सम्मानित मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है, और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने सभी सांसदों का भी आभार व्यक्त किया है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने” के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। pic.twitter.com/d4tWD1m1kD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2025
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विपक्ष बनाएगा इसे मुद्दा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे विपक्ष के नेता भी हैरान हैं। बताया जा रहा है कि मानसून सत्र में विपक्ष इसे मुद्दा बनाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस वर्मा के खिलाफ बनाई गई कमेटी में विपक्ष के नेताओं को भी रखा जाएग। सोमवार शाम धनखड़ ने विपक्ष के कई नेताओं से इसे लेकर मुलाकात की थी। जब विपक्ष के नेताओं को धनखड़ के इस्तीफे का पता चला तो वो भी हैरान रह गए। माना जा रहा है कि संसद के दोनों सदनों में विपक्ष जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को मुद्दा जरूर बनाएगी।
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