भारत के ज्यादातर राज्यों और उनके शहरों में एक परेशानी बहुत आम हो गई है, जिससे देश की खूबसूरती को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है। हम बात कर रहे हैं शहरों में हर तरफ से फैले हुए कचरे की। दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में तो बड़े-बड़े कचरे के पहाड़ तक बने हुए हैं। देश के ज्यादातर शहरों का हाल ऐसा ही है। गंदे और कचरे से भरे हुए शहरों के निर्माता कोई नहीं, बल्कि शहर में रहने वाले लोग और उसका प्रशासन है।
E.F.I’s #AhilyaVan – Creating Green Spaces in the Clean City!
---विज्ञापन---EFI thanks Indore Municipal Corporation, Kotak Mahindra Bank, and each and every volunteer participated in the cause of making Indore cleaner and greener.#EFI #EFIIndore #Indore #UrbanAfforestation #ClimateAction pic.twitter.com/yYKv2t7Nw5
— Environmentalist Foundation of India (@EFIVolunteer) April 11, 2025
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जहां शहरों के आम लोगों को इधर-उधर कचरा फेंकने की आदत है, वहीं प्रशासन को उस कचरे को वैसा छोड़ने की आदत है। ऐसा नहीं है कि देश इन शहरों को साफ नहीं किया जा सकता है और इधर-उधर कचरा फेंकने वाले लोगों को सुधारा नहीं जा सकता। देश में एक शहर ऐसा भी है जहां इधर-उधर कचरा फेंकने वाले लोगों को उनके फेंके हुए कचरे से ही ढूंढा जाता है। इसके बाद उन पर जुर्माना लगाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि ये कौन सा शहर है? हम बात कर रहे हैं भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की।
See the consequences when someone litters in India’s Cleanest City, Indore 🇮🇳 😎 pic.twitter.com/wHAaKiNUaR
— Gems (@gemsofbabus_) March 7, 2025
फेंके हुए कचरे निकालते हैं मालिक का पता
बता दें कि इंदौर में नगर निगम (IMC) द्वारा शहर को स्वच्छ और कचरा-मुक्त रखने के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। शहर में इधर-उधर कचरा फेंकने वाले लोगों को सुधारने के लिए IMC ने एक बेहद खास तरीका अपनाया है। IMC अधिकारी पहले शहर में फेंके हुए कचरे से उसके मालिक का पता लगाते हैं।
ठोका जाता है जुर्माना
इसके बाद उसके घर जाते हैं और कचरे की गठरी को दिखाते हुए उन पर जुर्माना लगाते हैं। ऐसा नहीं है कि ये नियम सिर्फ शहर के आम लोगों पर ही हैं। शहर में चलने वाली कंपनियों पर भी ये नियम लागू होते हैं। हालांकि, दोनों के जुर्माने में काफी अंतर है।
कचरे पर अलग-अलग जर्माना
इसके अलावा इंदौर नगर निगम द्वारा खुले में थूकना, पब्लिक प्लेस पर गंदगी फैलाना, खुले में कचरा जलाना, गिले-सूखे कचरे को अलग न करना, कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट को क्लीन करने को लेकर भी जुर्माने का प्रावधान है।
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कचरे पर कितना जुर्माना
- खुले में और पब्लिक प्लेस पर कचरा फेंकने पर 100 से 500 रुपये तक का व्यक्तिगत जुर्माना लगता है। वहीं, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर 500 से 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगता है।
- अगर कोई बार-बार इसका उल्लंघन करता है तो उसका ये जुर्माना बढ़ भी सकता है।
- कचरे को अलग-अलग न करने पर 100 से 500 रुपये तक का जुर्माना लगता है।
- अगर कोई दोबारा नियम का उल्लंघन करता है तो उस पर 1,000 रुपये तक का जुर्माना लगता है।
- खुले में कचरा जलाने पर 500 से 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगता है। इसके अलावा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
- खुले और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने या गंदगी करने पर 100 से 500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है। अगर मामला गंभीर हुआ तो सामुदायिक सेवा भी करनी पड़ सकती है।
- कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट को अनथॉराइजड जगहों पर फेंकने के लिए 2,000 से 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगता है। वहीं, ठेकेदारों या बिल्डरों पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।