केंद्र सरकार ने अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, इंडियन एयरफोर्स ने डिफेंस मिनिस्ट्री से सितंबर 2023 में स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स प्रचंड की मांग की थी। रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना की इस मांग को शुक्रवार को हरी झंडी दे दी है। रक्षा अधिकारी ने बताया कि भारत ने 156 मेड इन इंडिया एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। रक्षा मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 में 2.09 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
HAL को अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर
रक्षा अधिकारी ने बताया कि यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा। हेलीकॉप्टर कर्नाटक के बेंगलुरु और तुमकुर स्थित उनके प्लांट्स में तैयार किए जाएंगे। बता दें कि इससे पहले 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) का सबसे बड़ा ऑर्डर दिया जा चुका है। 97 और एलसीए ऑर्डर देने की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। 307 ATAGS हॉवित्जर तोपों की खरीद को भी हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी मिली है।
India clears biggest ever defence deal for buying 156 Made in India LCH Prachand helicopters. The decision was taken in the Cabinet Committee on Security in its meeting today. Defence Ministry has signed contracts worth over Rs 2.09 lakh crore in this financial year: Defence… pic.twitter.com/S16gsHW9PW
— ANI (@ANI) March 28, 2025
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45 हजार करोड़ का है सौदा
बता दें कि यह सौदा आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने और भारतीय वायुसेना और सेना की ताकत बढ़ाने की दिशा में अहम साबित होगा। 156 मेड इन इंडिया एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने 45,000 करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी दी है। इस डील के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से भारतीय सेना और वायुसेना के लिए 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदे जाएंगे।
कौन-कौन से बलों को मिलेंगे LCH?
156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर में से 90 हेलीकॉप्टर भारतीय थल सेना के पास जाएंगे जबकि 66 हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना को मिलेंगे।
‘प्रचंड’ की ताकत
प्रचंड हेलिकॉप्टर्स की वजह से कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू (CSAR), डिस्ट्रक्शन ऑफ एनेमी एयर डिफेंस (DEAD), काउंटर इनसर्जेंसी (CI) ऑपरेशन, रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट (RPA’s) को मार गिराने में आसानी होगी और हाई एल्टीट्यूड बंकर बस्टिंग ऑपरेशंस में मदद मिलेगी। प्रचंड दुनिया का एकमात्र अटैक हेलीकॉप्टर है, जो 16,400 फीट (5,000 मीटर) की ऊंचाई पर भी उड़ सकता है। सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए योग्य, हवा से जमीन और हवा से हवा में हमला करने में सक्षम, मिसाइलों से लैस और दुश्मन की हवाई सुरक्षा को नष्ट कर सकता है।
कैसी है ‘प्रचंड’ की बनावट
एलसीएच में दो लोग बैठ सकते हैं। यह 51.10 फीट लंबा, 15.5 फीट ऊंचा है। पूरे साजो सामान के साथ इसका वजन 5800 किलोग्राम होता है। इस पर 700 किलोग्राम के हथियार लग सकते हैं। इसकी अधिकतम गति 268 किमी प्रतिघंटा है और रेंज 550 किमी है। यह लगातार 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भर सकता है। यह पर्याप्त मात्रा में हथियारों और जरूरी सामानों के साथ 16,400 फीट की ऊंचाई पर भी टेकऑफ कर सकता है। एलसीएच में 20 मिमी की एक तोप लगी हुई है। 4 हार्डप्वाइंट्स होते हैं यानी रॉकेट्स, मिसाइल और बम लग सकते हैं। इस हेलिकॉप्टर का कॉकपिट ग्लास का है। साथ ही फ्रेम कंपोजिट है। भविष्य में इसके वर्जन को और भी ज्यादा अपग्रेड किया जाएगा।
Mi-35 और Mi-25 को करेगा रिप्लेस
एलसीएच हेलिकॉप्टरों की तैनाती के बाद पुराने Mi-35 और Mi-25 हेलिकॉप्टरों को हटाया जाएगा। ये दोनों हेलिकॉप्टर रूस ने बनाए थे। इनका उपयोग वायु सेना काफी पहले से करती आ रही है। इनके एक स्क्वॉड्रन तो खत्म कर दिया गया है। क्योंकि इनकी जगह पर बोईंग कंपनी का एएच-64ई (AH-64E) अपाचे हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं।