India China War : साल 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। इस जंग में मेजर शैतान सिंह और उनकी 113 जवानों की टुकड़ी ने ड्रैगन का मुकाबला किया था। भारतीय सेना के जांबाज जवानों ने चीनी सैनिकों से अंतिम गोली, अंतिम आदमी तक लड़ाई लड़ी थी। 1962 की जंग के हीरो मेजर शैतान सिंह का मेमोरियल अब भारत-चीन के बीच स्थापित बफर जोन की भेंट चढ़ गया है। आइये जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?
भारतीय सेना ने 1962 युद्ध में वीरगति प्राप्त किए मेजर शैतान सिंह के स्मारक को ध्वस्त कर दिया है। इंडियन आर्मी को इसके बफर जोन में आने की वजह से इस मेमोरियल को हटाना पड़ा। लद्दाख ऑटोनोमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल के पूर्व सदस्य खोनचोक स्टैनजिन का कहना है कि भारत-चीन की लड़ाई के बाद जहां मेजर शैतान सिंह का पार्थिव शरीर मिला था, उसी स्थान पर उनका मेमोरियल बनाया गया था, वो अब बफर जोन में आता है, इसलिए उस स्मारक को मजबूरी में तोड़ना पड़ा।
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At the famous Battle of Rezang La, a pass in the Kailash Ranges, Major Shaitan Singh and 113 men fought to 'the last bullet, last man' against an overwhelming force of thousands of Chinese troops
---विज्ञापन---Sujan Dutta reports https://t.co/BNG4NY0VOl
— The Telegraph (@ttindia) December 28, 2023
भारत-चीन की बैठक में बफर जोन बनाने पर बनी थी सहमति
साल 2020 के जून महीने में गलवान घाटी में भारतीय और चीन सैनिकों में झड़प हुई थी। इसके बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LOC) पर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई, जिसमें बफर जोन बनाने पर सहमति बनी थी। इसके बाद दोनों देशों की सेना ने बफर जोन में पड़ने वाली सभी चीजों को हटा लिया। इसके तहत भी भारतीय सेना को भी मेजर शैतान सिंह के स्मारक को हटाने के लिए बाध्य होना पड़ा।
अब भारत में नया स्मारक बना
स्टैनजिन द्वारा जारी की गई एक तस्वीर से पता चलता है कि 2020 के अक्टूबर महीने तक भारतीय सेना के अंडर में ही स्मारक था, तब कुमाऊं रेजिमेंट की 8वीं बटालियन ने इसका नवीनीकरण किया था। चुशुल घाटी में रेजांग ला की लड़ाई का नया और बड़ा मेमोरियल बनाया गया है, जोकि बफर जोन से तीन किलोमीटर पीछे यानी भारत में है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साल 2021 में इस स्माकरण का उद्घाटन किया था।