दरअसल, चीन जारी ताजा नख्शे में भारत के अरुणाचल प्रदेश के अलावा अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को भी अपने क्षेत्र में दिखाया है। इस तरह कुल मिलाकर उसने भारत के साथ अप्रत्यक्ष तौर पर अमेरिका को भी चुनौती दे दी है। इसके पीछे वजह यह है कि अमेरिका कई वर्षों से ताइवान के पीछे खड़ा है। अमेरिका यह रुख हमेशा चीन को नागवार गुजरता रहा है।
राहुल गांधी ने बोला सरकार पर हमला
वहीं, चीन द्वारा विवादित नख्शे को जारी करने के बाद विपक्षी दल हमलावर हो गए हैं। दिग्गज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के लिए रवाना होने से पहले दिल्ली एयरपोर्ट पर कहा कि मैं वर्षों से कह रहा हूं कि प्रधानमंत्री ने जो कहा कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं गई, वह झूठ है। पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने अतिक्रमण किया है। यह मानचित्र मामला बेहद गंभीर है। उन्होंने ज़मीन छीन ली है। प्रधानमंत्री को इस बारे में कुछ कहना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने दिया कड़ा जवाब
उधर, चीन द्वारा अक्साई चीन और अरुणाचल प्रदेश को अपने नक्शे में दिखाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए चीन के सभी दावों को खारिज कर दिया है। इस बाबत विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची के अनुसार, आज चीन के तथाकथित 2023 मानक मानचित्र पर चीनी पक्ष के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से कड़ा विरोध दर्ज करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मानचित्र को कोई आधार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन का यह कदम सीमा पर विवाद ही पैदा करेगा।
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने भी कड़ी प्रतिक्रिया में कहा है कि चीन ऐसे बेतुके दावे करता रहता है, ऐसा करना उसकी पुरानी आदत है। उन्होंने यहां तक कहा कि भारत के कुछ हिस्सों के साथ चीन द्वारा नक्शा जारी करने से कुछ भी नहीं बदलेगा। हमारी सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्र में क्या करना है।
गौरतलब है कि चीन ने नया नख्शा जारी किया है। इसमें चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश के अलावा अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दिखाया है। वहीं, भारत ने भी प्रतिक्रिया में देरी नहीं कि और कहा है कि ये क्षेत्र भारत के अभिन्न अंग हैं और रहेंगे।