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‘तहखानों में छिपा ज्ञानवापी में मंदिर का राज’; हिन्दू महिलाएं बोलीं- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, सच सामने लाएंगे

Gyanvapi Masjid Mandir Controversy: ज्ञानवापी मस्जिद में मंदिर होने का विवाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा, जिसमें ASI रिपोर्ट पर सुनवाई होगी और तहखाने खोलने की मांग की जाएगी।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jan 29, 2024 07:47
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Gyanvapi Masjid Mandir Controversy
विवादित मस्जिद, जिसके मंदिर होने का दावा किया जा रहा है।

Gyanvapi Masjid Mandir Controversy Latest Update: ज्ञानवापी मस्जिद में मंदिर होने का राज तहखाने में छिपा है। यह दावा मामले के वादी पक्ष ने किया है, इसलिए वादी पक्ष आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। मस्जिद का सीलबंद तहखाना खोलने का अनुरोध करगा। वहीं याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ASI रिपोर्ट पर भी चर्चा हो सकती है।

मामले की वादी हिन्दू महिलाओं का कहना है कि ASI सर्वे में भी स्पष्ट किया गया है कि 10 तहखानों के अंदर ज्ञानवापी मस्जिद में हिन्दू मंदिर होने के सबूत हैं और जिस तरह से इन्हें सीलबंद किया गया है, वह भी दाल में कुछ काला होने का अंदेशा जता रहे हैं। इसलिए मांग की जाएगी कि तहखानों को खोलकर मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इनकी साइंटिफिक जांच की जाए।

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तहखानों में मंदिर के सबूत-कलाकृतियां होने का दावा

केस के वादी पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने तर्क दिया कि विवादित इमारत के उत्तर और दक्षिण 5-5 तहखाने हैं, जिन्हें कृत्रिम दीवारें बनाकर सीलबंद किया गया है। इन्हीं सीलबंद तहखानों में हिन्दू मंदिर होने के सबूत और कलाकृतियां हैं। सुप्रीम कोर्ट की याचिका के साथ एक नक्शा भी दिया जाएगा।

ज्ञानवापी परिसर में सीलबंद वुज़ुखाने (स्नान जल टैंक) का ASI सर्वे हो चुका है, जिसे 16 मई 2022 से सीलबंद कर दिया गया था, जब हिन्दू पक्ष ने दावा किया था कि पहले कराए गए सर्वेक्षण में यहां शिवलिंग पाया गया था। राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने भी ज्ञानवापी मस्जिद को हिंदुओं को सौंपने का आग्रह किया है।

 

दशकों से मस्जिद में मंदिर होने का विवाद चल रहा

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी में है और यह काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी है, लेकिन अगस्त 2021 में 5 हिन्दू महिलाओं ने मस्जिद में मां गौरी की पूजा करने का अधिकार मांगा। इसके लिए सिविल सूट दायर किया गया। तब से शुरू हुआ विवाद सुप्रीम कोर्ट से जिला अदालत, इलाहाबाद हाईकोर्ट और भारतीय

पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) तक पहुंचा। वीडियोग्राफिक सर्वे, कार्बन डेटिंग, शिवलिंग का मिलना आदि हुआ। ASI के सर्वे की 839 पन्नों की रिपोर्ट में भी दावा किया गया कि मस्जिद पहले मंदिर हुआ करता था। अब इस रिपोर्ट के आधार पर फिर से मस्जिद के तहखानों का सर्वे कराए जाने की मांग की जा रही है।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Jan 29, 2024 07:29 AM
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