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Guru Nanak Jayanti: ‘तुम सिख नहीं हो…’, 14 हिंदुओं को पाकिस्तान ने ननकाना साहिब जानें से रोका; जानें क्या है पूरा मामला

गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व से एक दिन पहले 4 नवंबर की शाम हजारों श्रद्धालु पाकिस्तान के ननकाना साहिब की यात्रा पर निकले थे. इस बीच वाघा बॉर्डर पर कुछ ऐसा हुआ जिसने एक बार फिर से पाकिस्तान पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं का पहला जत्था पाकिस्तान गया. श्रद्धालुओं में सिख और हिंदू दोनों शामिल थे. लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Nov 5, 2025 17:47

गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व से एक दिन पहले 4 नवंबर की शाम हजारों श्रद्धालु पाकिस्तान के ननकाना साहिब की यात्रा पर निकले थे. इस बीच वाघा बॉर्डर पर कुछ ऐसा हुआ जिसने एक बार फिर से पाकिस्तान पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं का पहला जत्था पाकिस्तान गया. श्रद्धालुओं में सिख और हिंदू दोनों शामिल थे. लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया.

पाकिस्तान ने ननकाना साहिब गुरुद्वारा गए सिख श्रद्धालुओं का तो फूलों से स्वागत किया, मगर हिंदू श्रद्धालुओं को सीमा पार करने की इजाजत नहीं दी. सिख श्रद्धालुओं के जत्थे में गए हिंदू श्रद्धालुओं को अपमानित करके पाकिस्तानी अधिकारियों ने वापस लौटा दिया. ऐसे 14 परिवार हैं, जिनके साथ पाकिस्तान ने बदसलूकी की.

ये 14 लोग कथित तौर पर उन लगभग 2,100 लोगों में शामिल थे जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान जाने की अनुमति दी थी. इस्लामाबाद ने भी लगभग इतनी ही संख्या में लोगों को यात्रा दस्तावेज जारी किए थे.

मंगलवार को अनुमानित 1,900 लोग वाघा सीमा पार करके पाकिस्तान पहुंचे, जो मई में चार दिवसीय सैन्य संघर्ष, ऑपरेशन सिंदूर, के बाद पहला जन-जन संपर्क था.

14 हिंदू तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान ने रोका

लेकिन, अब यह सामने आया है कि उनमें से 14 हिंदू तीर्थयात्री – जो सभी पाकिस्तान में जन्मे सिंधी थे और जिन्होंने भारतीय नागरिकता प्राप्त कर ली थी और वहां अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे, जिन्हें पाकिस्तान ने भारत वापस भेज दिया. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि 14 तीर्थयात्रियों से कहा गया कि ‘आप हिंदू हैं… आप सिख श्रद्धालुओं के साथ नहीं जा सकते.’

सूत्रों ने बताया कि इन 14 लोगों में दिल्ली और लखनऊ के लोग शामिल थे, और पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा यह कहने के बाद कि केवल उनके रिकॉर्ड में सिख के रूप में दर्ज लोगों को ही अनुमति दी जाएगी, वे ‘अपमानित’ होकर वापस लौट गए.

इसके अलावा, जिन 300 लोगों ने स्वतंत्र रूप से वीजा के लिए आवेदन किया था, उन्हें सीमा के भारतीय हिस्से में वापस भेज दिया गया क्योंकि उनके पास गृह मंत्रालय की आवश्यक मंज़ूरी नहीं थी.

अकाल तख्त नेता ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज, बीबी गुरिंदर कौर के नेतृत्व में श्रीमति गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रतिनिधिमंडल और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के रविंदर सिंह स्वीटा वाघा सीमा पार करके पाकिस्तान पहुंचने वालों में शामिल थे.

मुख्य समारोह लाहौर से 80 किलोमीटर दूर गुरुद्वारा जन्मस्थान में आयोजित किया जाएगा.

अपने 10 दिवसीय प्रवास के दौरान, भारतीय सिख तीर्थयात्री गुरुद्वारा पंजा साहिब हसन अब्दल, गुरुद्वारा सच्चा सौदा फारूकाबाद और गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर भी जाएंगे.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बना हुआ है तनाव

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव बना हुआ है, जो 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की सैन्य प्रतिक्रिया थी.

इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर नागरिक थे. इस हमले का संबंध पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट से बताया गया.

First published on: Nov 05, 2025 05:46 PM

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