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IMF की बैठक से पहले मोदी सरकार का बड़ा फैसला, कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को 6 महीने पहले हटाया

मोदी सरकार ने भारत की ओर से IMF में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर तैनात डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। यह फैसला पाकिस्तान को दी गई वित्तीय सुविधाओं के संबंध में IMF बोर्ड की एक महत्वपूर्ण रिव्यू मीटिंग से ठीक पहले लिया गया है। कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं। उन्होंने 2022 में IMF में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (भारत) की भूमिका संभाली थी और उनका 6 महीने का कार्यकाल अभी बाकी था।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 3, 2025 23:56
Dr Krishnamurthy Subramanian
डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन। (फाइल फोटो)

भारत सरकार ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में कार्यकारी निदेशक (भारत) के रूप में तैनात डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने को मंजूरी दे दी है। वह 1 नवंबर, 2022 से इस पद पर कार्यरत थे। आईएमएफ में सुब्रमण्यन के 3 साल का कार्यकाल पूरा होने में अभी 6 महीने बाकी था, लेकिन इससे पहले ही भारत सरकार ने उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया। 30 अप्रैल को इस बारे में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) की ओर से एक आदेश जारी हुआ है।

आईएमएफ बोर्ड की रिव्यू मीटिंग से पहले लिया फैसला

भारत सरकार ने यह फैसला पाकिस्तान को दी गई फाइनेंशियल सुविधाओं पर आईएमएफ बोर्ड की अहम रिव्यू मीटिंग से पहले लिया है। आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड, एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) और रिजीलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी के तहत अरेंजमेंट की रिक्वेस्ट के लिए पहले रिव्यू को लेकर 9 मई को पाकिस्तान के अधिकारियों से मिलने वाला है।

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ACC के आदेश में क्या कहा गया?

मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (भारत) के तौर पर डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट करने को मंजूरी दे दी है।’ इस आदेश में सुब्रमण्यन को हटाने का कोई कारण नहीं बताया गया है। बता दें कि एसीसी का नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं।

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं सुब्रमण्यन

कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन बैंकिंग, कॉर्पोरेट सेक्टर और आर्थिक नीति में दुनिया के लीडिंग विशेषज्ञों में से एक माने जाते हैं। सुब्रमण्यम के बैंकिंग, लॉ एंड फाइनेंस, इनोवेशंस, इकोनॉमिक ग्रोथ और कॉरपोरेट गवर्नेंस जैसे कई विषयों पर किए रिसर्च पेपर दुनिया के प्रमुख जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। वह आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के मार्गदर्शन में बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस, शिकागो यूनिवर्सिटी से पीएचडी धारक हैं। साथ ही उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) से पढ़ाई की है। सुब्रमण्यन भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं।

भारत ने पाकिस्तान को आर्थिक रूप से मात देने के लिए चला बड़ा दांव?

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता जा रहा है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। भारतीय अधिकारियों ने पहलगाम में हुए नरसंहार के पीछे 5 आतंकवादियों की पहचान की है, जिनमें से 3 पाकिस्तानी नागरिक हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पहले से कंगाल पाकिस्तान को आर्थिक रूप से मात देने के लिए भारत ने उसके खिलाफ मोर्चाबंदी की है। भारत का कहना है कि वह पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आईएमएफ सहित वैश्विक बहुपक्षीय एजेंसियों से पाकिस्तान को दिए गए पैसे और कर्ज पर फिर से विचार करने के लिए कहेगा।

कैसे पाकिस्तान को घेरेगा भारत?

द इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (FATF) में अपनी बात रखेगा। भारत चाहता है कि पाकिस्तान को आईएमएफ से मिलने वाला वित्तीय सहायता पर रोक लगे और उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला जाए। अगर पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया तो उसके प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI पर गहरा असर पड़ेगा।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: May 03, 2025 11:56 PM

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