Gaganyaan Mission Astronauts Indian Air Force Pilots: गगनयान मिशन पर भेजे जाने वाले 4 अंतरिक्ष यात्रियों को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया से रूबरू कराया। तिरुवनंतपुरम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में आज प्रधानमंत्री मोदी ने चारों अंतरिक्ष यात्रियों से मुलाकात की।
इनके नाम ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं। चारों की ट्रेनिंग चल रही है और साल 2025 में इन्हें गगनयान मिशन पर भेजा जाना है। वहीं आज जब इसरो चीफ एस सोमनाथ कार्यक्रम के दौरान मीडिया से रूबरू हुए तो उनसे सवाल पूछा गया कि चारों अंतरिक्ष यात्रियों में कोई महिला नहीं है, आखिर ऐसा क्यों?
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi reviews the progress of the Gaganyaan Mission and bestows astronaut wings to the astronaut designates.
---विज्ञापन---The Gaganyaan Mission is India’s first human space flight program for which extensive preparations are underway at various ISRO centres. pic.twitter.com/KQiodF3Jqy
— ANI (@ANI) February 27, 2024
महिलाओं को हिस्सा बनाकर बहुत खुशी होगी
इसरो चीफ से पत्रकारों ने सवाल पूछा कि अंतरिक्ष की दुनिया में कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स का नाम खास तौर पर लिया जाता है। दोनों का भारत से कनेक्शन है और दोनों दुनियाभर के अंतिरक्ष यात्रियों के लिए मिसाल हैं तो फिर गगनयान मिशन के लिए किसी महिला को क्यों नहीं चुना गया?
इसके जवाब में इसरो चीफ ने बताया कि हमें खुशी होगी, अगर कोई महिला देश के किसी भी स्पेस मिशन का हिस्सा बनना चाहेगी। दरअसल, गगनयान मिशन के लिए किसी महिला पायलट ने नॉमिनेशन नहीं किया था। इसलिए महिलाएं इस मिशन का हिस्सा नहीं बन पाई, लेकिन इसरो चाहता है कि महिलाएं भी देश के स्पेस मिशन पर जाने के आगे आएं। कल्पना और सुनीता की तरह देश का नाम रोशन करें।
Views from the #Indian astronauts’ training programme during their time in Russia.
• Group Captain Prashanth Balakrishnan Nair
• Group Captain Ajit Krishnan
• Group Captain Angad Prathap
• Wing Commander Shubhansku Shukla#Gaganyaan #ISRO pic.twitter.com/833zX4nLJG— ISRO InSight (@ISROSight) February 27, 2024
40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा
वहीं कार्यक्रम में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश के अंतरिक्ष मिशनों में महिला वैज्ञानिकों का खास योगदान रहता है। उनके बिना न तो चंद्रयान मिशन था और न ही गगनयान मिशन संभव होगा। मिशन के लिए चुने गए चारों अंतरिक्ष यात्री सिर्फ 4 नाम या 4 लोग नहीं हैं, बल्कि वे 4 शक्तियां हैं, जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में ले जाएंगी। 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है, अंतर इतना है कि इस बार मिशन, समय, उलटी गिनती और रॉकेट हमारा खुद का है। विंग कमांडर राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त) 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे।
#ISRO Chairman S. Somanath says “Its a very happy occasion for all of us as PM Modi is visiting Vikram Sarabhai Space centre”
🚀PM to visit Vikram Sarabhai Space centre (VSSC), Thiruvananthapuram, and inaugurate three important space infrastructure projects worth about Rs 1800… pic.twitter.com/rFTG4QP8sn
— DD News (@DDNewslive) February 26, 2024
मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ खर्च होंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गगनयान मिशन भारत द्वारा शुरू किया गया, अब तक का सबसे महंगा वैज्ञानिक मिशन है और इस पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये की लागत आने वाली है। इस मिशन से कई गेम-चेंजिंग टेक्नोलॉजी को विकसित करने में मदद मिलने की उम्मीद है। मिशन सफल होने पर भारत स्वदेश निर्मित रॉकेट से किसी अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अभी तक यह उपलब्धि केवल अमेरिका, चीन और सोवियत रूस के नाम है।