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भारत आए बिना युद्ध के मोर्चे पर पुतिन की बड़ी जीत! G20 के घोषणा पत्र से खिला रूसी राष्ट्रपति का चेहरा

G20 Summit Declaration Russia Ukraine war: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में G20 में शामिल हुए बिना पुतिन को युद्ध के मोर्चे पर बड़ी जीत मिली है। ये इसलिए भी खास क्योंकि इसी मंच पर अमेरिका भी मौजूद था, जब रूस को युद्ध वाले मोर्चे पर जीत मिली। दरअसल, G20 समिट के पहले दिन घोषणा पत्र जारी किया […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Apr 4, 2024 18:13
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G20 Summit Declaration Russia Ukraine war

G20 Summit Declaration Russia Ukraine war: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में G20 में शामिल हुए बिना पुतिन को युद्ध के मोर्चे पर बड़ी जीत मिली है। ये इसलिए भी खास क्योंकि इसी मंच पर अमेरिका भी मौजूद था, जब रूस को युद्ध वाले मोर्चे पर जीत मिली। दरअसल, G20 समिट के पहले दिन घोषणा पत्र जारी किया गया, जिसमें यूक्रेन युद्ध का जिक्र तो किया गया, लेकिन रूस का नाम नहीं लिया गया। बता दें कि G20 में रूसी राष्ट्रपति पुतिन आने वाले थे, लेकिन आखिर वक्त पर उन्होंने आने से मना कर दिया। उनकी जगह सर्गेई भारत आए हैं।

G20 समिट के पहले दिन जारी घोषणा पत्र बिलकुल वैसा ही है, जैसा इंडोनेशिया के बाली में जारी किया गया था। घोषणा पत्र में कहा गया कि दुनिया में जारी युद्ध और विभिन्न मोर्चों पर जारी संघर्षों पर हमारा ध्यान है और हम इसे लेकर चिंता जताते हैं। साथ ही इससे होने वाली मानवीय पीड़ा और इसके विपरीत प्रभावों पर भी ध्यान देते हैं।

UNSC और UN के सिद्धांतों-उद्देश्यों के मुताबिक काम करने की सलाह

घोषणा पत्र में विश्व के सभी देशों को संयुक्त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और संयुक्त राष्‍ट्र (UN) के मुताबिक काम करने की सलाह दी गई। कहा गया कि किसी भी देश की ओर से किसी दूसरे देश की अखंडता और अधिग्रहण के लिए बल प्रयोग नहीं चाहिए। किसी देश की राजनीतिक स्वतंत्रता को भी खत्म करने से दूसरे देशों को बचना चाहिए।

घोषणा पत्र में ये भी जिक्र किया गया कि किसी देश की ओर से एटॉमिक हथियार के उपयोग की धमकी देना बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा गया कि ये ग्रुप अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है, न कि भू-राजनीतिक समाधाम का। युद्ध की बारी आई तो यूक्रेन के नाकारात्मक प्रभावों का जिक्र किया गया।

जब यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया जा रहा था, तब लग रहा था कि रूस का भी जिक्र होगा, हुआ भी ऐसा ही। लेकिन रूस का जिक्र तुर्किए और रूस के बीच ‘काला सागर अनाज सौदे’ को बहाल करने के अनुरोध देने के लिए किया गया। कहा गया कि ऐसा होने से दुनिया एक हिस्से को बड़े संकट से बचाया जा सकता है।

सरल तरीके से समझा जाए तो पिछले साल दिसंबर में इंडोनेशिया की राजधानी बाली में आयोजित G20 समिट में रूस की ओर से यूक्रेन पर आक्रमण की निंदा की गई लेकिन दिल्ली में आयोजित समिट में ऐसा कुछ नहीं हुआ।

https://www.youtube.com/watch?v=uZXERlTVBzI

(thewellarmedwoman.com)

First published on: Sep 10, 2023 08:49 AM

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