पुणे: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि देश का प्रभाव हिंद महासागर से आगे प्रशांत महासागर तक पहुंच गया है। विदेश मंत्री पुणे में अपनी पुस्तक “भारत मार्ग” के प्रकाशन समारोह में बोल रहे थे। दरअसल, विदेश मंत्री अपनी अंग्रेजी पुस्तक “द इंडिया वे: स्ट्रैटेजीज़ फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड” के विमोचन के लिए पुणे में थे। इस पुस्ताक का मराठी वर्जन ‘भारत मार्ग’ के नाम से रिलीज किया गया है। मराठी संस्करण का महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विमोचन किया।
"Technical matter…" Jaishankar on Indus Waters Treaty
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— ANI Digital (@ani_digital) January 28, 2023
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देश के विकास में विदेश नीति का बहुत बड़ा महत्व
वहीं, आगे अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने कहा, “आजकल भारत का प्रभाव हिंद महासागर से परे प्रशांत महासागर तक पहुंच गया है, इसलिए मैं इतिहास पर बोलता हूं, बड़े देश हमेशा केवल अपने बारे में सोचते हैं, यह उनके डीएनए में कमी है।” विदेश मंत्री ने कहा देश के विकास में विदेश नीति का बहुत बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा, “हर देश में, विदेश नीति केंद्र सरकार द्वारा बनाई जाती है। लेकिन बड़े देशों में, यह नीति केवल केंद्र द्वारा नहीं बनाई जाती है, कई अलग-अलग राज्य भी इसमें भाग लेते हैं।” उन्होंने कहा, “हमारे देश की विदेश नीति में सबकी भागीदारी इसकी बुनियाद है।”
विदेश नीति को विदेश मंत्रालय से निकालकर आम लोगों तक पहुंचे
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान देश में हर कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा हुआ है। “यह केवल दिल्ली तक सीमित नहीं होना चाहिए। विदेश नीति को विदेश मंत्रालय से निकालकर आम लोगों तक पहुंचाने का मेरा शुरू से ही प्रयास रहा है, इसी तरह इस किताब की भाषा बहुत आम लोगों की भाषा है।” उन्होंने कहा, “इस बार जी20 में 200 बैठकें होंगी। इन बैठकों के जरिए हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि जो भी भारत आए और बदलाव देखे, वह दुनिया के लिए भारत का उत्साह और सकारात्मकता देखे।” अपनी किताब के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास से सबक लेकर हमें हमेशा दुनिया के प्रति जागरूक रहना होगा। “मैंने अपने लेख के माध्यम से चेतावनी दी है कि वैश्वीकरण की कई कमियां हैं, जो अन्य देशों से सामने आने वाले परिणामों से स्पष्ट है।”