Bharat Bandh : संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय व्यापार यूनियनों के साथ मिलकर 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल 'ग्रामीण भारत बंद' का आह्वान किया है। यह फैसला किसानों की मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए उठाया गया है। एक जैसी सोच रखने वाले किसान संगठनों से इसमें शामिल होने की अपील की गई है। इस बीच सवाल उठा है कि इस बंद से बाकी गतिविधियों पर क्या असर पड़ेगा? क्या बैंक और ऑफिस बंद रहेंगे या नहीं?
कहां पड़ सकता है असर
माना जा रहा है कि किसानों की इस हड़ताल से ट्रांसपोर्टेशन, कृषि संबंधी गतिविधियों, मनरेगा कार्यों, निजी कार्यालयों, गांवों में स्थित दुकानों और ग्रामीण उद्योग व सेवा क्षेत्र के संस्थानों के बंद रहने की उम्मीद है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि एंबुलेंस संचालन, अखबार वितरण, शादी कार्यक्रम, बोर्ड परीक्षा और मेडिकल जैसी इमरजेंसी सेवाओं पर हड़ताल के दौरान कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं, इस दौरान बैंकों के खुले रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
किसानों की क्या हैं मांगें?
2020 में आंदोलन करने के बाद किसान एक बार फिर सड़कों पर उतरे हैं। वह अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थम मूल्य यानी एमएसपी गारंटी को लेकर कानून की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा किसानों की ओर से स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने और औपचारिक व अनौपचारिक सेक्टर्स में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए पेंशन व सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग भी की जा रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र में उपज की खरीद की गारंटी, कर्ज माफी, बिजली बिल में इजाफा न करने और स्मार्ट मीटर को न लगाने की मांग भी की गई है। इसके अलाव किसान 300 यूनिट फ्री बिजली, फसल का बीमा कराए जाने की मांग भी कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि पिछली बार वह हट गए थे लेकिन इस बार आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक सरकार उनकी सभी मांगें नहीं मांग लेती है।
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