---विज्ञापन---

देश

इस दिवाली रहें सतर्क, स्पेशलिस्ट बोले- एयर पॉल्यूशन से न सिर्फ फेफड़े, हार्ट की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं

Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देशभर के लोग दिवाली की तैयारी कर रहे हैं। एयर क्वालिटी की समस्या भी सामने आ रही है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) शनिवार शाम को 266 पर पहुंच गया। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार, दिल्ली क्षेत्र में AQI इंडेक्स 266 […]

Author Edited By : Om Pratap Updated: Oct 25, 2022 21:17

Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देशभर के लोग दिवाली की तैयारी कर रहे हैं। एयर क्वालिटी की समस्या भी सामने आ रही है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) शनिवार शाम को 266 पर पहुंच गया।

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार, दिल्ली क्षेत्र में AQI इंडेक्स 266 पर ‘खराब’ श्रेणी में, दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 327 था। शनिवार शाम को मथुरा रोड में 293 और गुरुग्राम में 156 था।

---विज्ञापन---

जानें क्या कहते हैं स्पेशलिस्ट

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डॉ अशोक सेठ ने कहा, प्रदूषण केवल फेफड़ों की समस्याओं से जुड़ा हुआ है, लेकिन लोग अक्सर इस तथ्य को नजरअंदाज कर देते हैं कि एयर पॉल्यूशन से हार्ट की भी दिक्कतें बढ़ जाती है और हमें इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।

डॉक्टर सेठ ने कहा कि हम पिछले कुछ वर्षों में युवा लोगों में हृदय रोग में वृद्धि देख रहे हैं, मेरा मानना ​​​​है कि यह वायु प्रदूषण के कारण होता है। डॉ सेठ ने बताया कि वायु प्रदूषण हृदय की धमनियों में सूजन पैदा करता है और हृदय को नुकसान पहुंचाता है।

---विज्ञापन---

हार्ट को कैसे नुकसान पहुंचाता है प्रदूषण

उन्होंने कहा कि जब हम 2.5 पार्टिकुलेट मैटर को देखते हैं, तो यह पता चलता है कि प्रदूषण में वह पदार्थ होता है, जो बहुत हानिकारक होता है और फेफड़ों से रक्त वाहिकाओं में स्थानांतरित होता है। इसके अलावा प्रदूषण में गैसीय मीट्रिक भी होता है, जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे नाइट्रोजन जैसे सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड जो हानिकारक पदार्थ के रूप में जाने जाते हैं। वे हृदय की धमनियों में सूजन पैदा करते हैं।

डॉक्टर सेठ ने कहा कि जब यह कण पदार्थ रक्तप्रवाह के जरिए फेफड़ों में जाता है, तो हृदय की धमनियों में सूजन का कारण बनता है और रक्त के थक्कों में वृद्धि का कारण बनता है। इन सभी दो महत्वपूर्ण कारकों से दिल का दौरा पड़ता है और हृदय की धमनियों की आंतरिक परत को नुकसान होता है जो कोलेस्ट्रॉल और कोरोनरी धमनी रोग की स्थिति का कारण बनता है।

डॉ. सेठ ने आगे कहा, “ये प्रदूषक फिर से रक्त में मिल जाते हैं, हृदय की लय में गड़बड़ी पैदा करते हैं और हृदय गति को प्रभावित करते हैं। कभी-कभी, यह अचानक मृत्यु का कारण बनता है।”

डॉक्टर सेठ ने चेतावनी भी जारी की

डॉक्टर सेठ ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम आने वाले दिनों में त्योहारों के मौसम के कारण सबसे खराब माहौल देखने जा रहे हैं, मुझे लगता है कि यह महसूस करने का समय है कि इसका ध्यान रखना होगा। दिवाली के अवसर पर पटाखे होंगे और अब तक पराली जलाने के लिए कोई समाधान या दिशानिर्देश या नीतियां नहीं हैं। ये सभी फेफड़ों की बीमारियों और दिल के दौरे या दिल से संबंधित बीमारी का कारण बनेंगे।

अभी पढ़ें –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

First published on: Oct 23, 2022 09:56 AM

संबंधित खबरें