Election Commission Press Conference: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) की प्रेस कॉन्फ्रेंस आज नई दिल्ली में रायसीना रोड पर बने नेशनल मीडिया सेंटर में हुई। चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण पर चुनाव आयोग का पक्ष रख। चुनाव आयुक्त ने मतदाताओं के नाम संदेश से संबोधन की शुरुआत की।
चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि देश का हर राजनीतिक दल चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन के बाद ही अस्तित्व में आता है। ऐसे में चुनाव आयोग किसी राजनीतिक दल में भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए न कोई पक्ष है न कोई विपक्ष है, सभी समान हैं। चुनाव आयोग अपने कर्तव्य से न कभी पीछे हटा है और न ही कभी पीछे हटेगा।
बिहार SIR के बारे में विस्तार से बताया?
चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों की मांग के अनुरूप ही बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण SIR की शुरुआत की गई है। 1.6 लाख BLA ने मिलकर एक ड्राफ्ट वोटर लिस्ट तैयार की है। इसकी कॉपी सभी राजनीतिक दलों को दी गई है। जब यह सूची तैयार की जा रही थी, तब सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने उस पर हस्ताक्षर किए थे तो फिर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर सवाल किस आधार पर उठाए जा रहे हैं?
चुनाव आयुक्त ने बताया कि राजनीतिक दलों ने 28370 क्लेम और ऑब्जेक्शन दिए हैं। चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से त्रुटियों को हटाने के लिए 1 अगस्त से 1 सितंबर का समय बिहार SIR के लिए दिया है। बूथ लेवल एजेंट्स और पार्टियों से चुनाव आयोग आह्वान करता है कि जो भी 15 दिन के अंदर अपने ऑब्जेक्शन दर्ज करा सकता है, कराए। चुनाव आयोग के दरवाजे हर किसी के लिए समान रूप से खुले हुए हैं।
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वोट चोरी के आरोप को बताया अपमान
चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार SIR को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। सभी स्टेकहोल्डर SIR को सफल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जब बिहार के 7 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ चुनाव आयोग और चुनाव आयोग के साथ मतदाना खड़े हैं तो चुनाव आयोग के खिलाफ सवाल कैसे खड़ा किया जा सकता है? वोट चोरी का आरोप लगाना संविधान का अपमान है। मिथ्या आरोपों से चुनाव आयोग नहीं डरता है।
चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति करने वाले को चुनाव आयोग कड़ा संदेश देता है कि चुनाव आयोग निडरता के साथ गरीब, अमीर, महिला, बुजुर्ग और युवा के साथ खड़ा है। कानून के अनुसार 45 दिन के अंदर उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर की जा सकती है। वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जाएगा तो यह भारत के लोकतंत्र का अपमान होगा।
चुनाव आयुक्त ने कहा कि वोटर प्राइवेसी का ध्यान रखने की बात सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है, लेकिन चुनाव आयोग ने पिछले दिनों कई वोटरों के सार्वजनिक फोटो देखे हैं, ऐसा करना सही है क्या?
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बिहार SIR पर चल रहा है विवाद
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर चुनाव आयोग बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) करा रहा है, जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है। गत एक अगस्त को चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट भी जारी कर दी है, लेकिन कांग्रेस, राजद, TMC, सपा, और अन्य दलों ने SIR को लोकतंत्र पर हमला बताया। तेजस्वी यादव ने इसे गरीबों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश करार दिया, जबकि SIR के जरिए वोट चोरी और नागरिकता चोरी की साजिश रचने का आरोप BJP और चुनाव आयोग पर लगाया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों का ही जवाब दिया।