---विज्ञापन---

दिल्ली की जहरीली हवा में अब NO2 क्या नई बला है, जो लोगों का फेफड़े कर रही खराब?

Delhi Air Pollution Why NO2 Levels Increase And Effect On Human Body: दिल्ली में आईटीओ, नेहरू नगर, ओखला फेज-2 NO2 के हॉट स्पॉट बने हुए हैं।

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Nov 8, 2023 14:07
Share :
Delhi Air Pollution, NO2 Level In Air, Air Quality Index, Nitrogen Dioxide
Delhi Air Pollution

Delhi Air Pollution Why NO2 Levels Increase And Effect On Human Body: दिल्ली-एनसीआर के 4 करोड़ से ज्यादा लोग जहरीली हवा को अपने फेपड़ों में ले रहे हैं। अभी राजधानी पार्टिकुलर मैटर (PM) 2.5 के उच्च स्तर से जूझ रही है, अब एक नया प्रदूषक तत्व नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) भी बढ़ रहा है। ऐसे में मन में सवाल उठता है कि ये क्या नई बला है? क्या इसका शरीर पर भी कोई नुकसान है? यदि नुकसान है तो कितना? NO2 किस अंग को ज्यादा प्रभावित करता है? इन सभी सवालों का जवाब जानने से पहले जानते हैं कि PM, AQI और NO2 क्या है?

एचआईवी-टीबी से भी ज्यादा घातक पार्टिकुलर मैटर

पार्टिकुलर मैटर यानी pm हवा में मिलने वाले ठोस और तरल कणों का योग है। ये कई आकार में होते हैं। इसकी संख्या में इजाफा तभी होता जब प्रदूषण बढ़ जाता है। सांस लेने पर 10 माइक्रोमीटर के छोटे कण हमारे फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं और गंभीर बीमारी पैदा कर सकते हैं।

---विज्ञापन---

PM की खास बातें

  • पीएम 10 कणों को खुली आंखों से देखा जा सकता है।
  • पीएम 2.5 सूक्ष्म होते हैं और पीएम 1 अल्ट्रा सूक्ष्म कण होते हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सूक्ष्म कण यानी पीएम 2.5 के लंबे समय तक संपर्क में रहना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। क्योंकि ये ब्लड में भी प्रवेश कर सकते हैं। जिसके चलते कार्डियोरेस्पिरेटरी रोग हो सकता है।
  • वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक के अनुसार, पार्टिकुलर मैटर वाले प्रदूषण व्यक्ति के औसत जीवन को 2.2 साल कम कर देता है। यह एचआईवी, टीबी, सिगरेट पीने से भी ज्यादा घातक है।
Delhi Air Pollution

Delhi Air Pollution

क्या है नाइट्रोजन डाइऑक्साइड?

नाइट्रोजन डाइऑक्साइड एक लाल-भूरे रंग की गैस है। इसकी गंध तीखी होती है। अक्सर इसका इस्तेमाल रासायनिक विस्फोटकों को बनाने में एक नाइट्रेटिंग एजेंट के रूप में किया जाता है। यह इतनी जहरीली होती है कि यदि बड़ी मात्रा में सांस के साथ शरीर में चली जाए तो फेफड़ों के लिए घातक हो सकती है। फेफड़ों को साइलो फिलर रोग हो जाता है। इसमें खांसी, सांस लेने में कठिनाई के अलावा हार्ट अटैक का खतरा रहता है। NO2 बढ़ने का मुख्य कारक कार, ट्रक, हवाई जहाज से निकलने वाला धुआं, डीजल से संचालित मशीनें, बिजली प्लांट्स हैं।

एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है?

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) एक साइंटिफिक टर्म है, जिसका इस्तेमाल यह बताने के लिए किया जाता है कि वर्तमान में हवा कितनी प्रदूषित है। जैसे-जैसे वायु प्रदूषण का लेवल बढ़ता है, वैसे-वैसे सेहत बिगड़ने का खतरा भी बढ़ता है।

---विज्ञापन---

दिल्ली में कहां-कहां सबसे ज्यादा NO2?

दिल्ली में आईटीओ, नेहरू नगर, ओखला फेज-2 NO2 के हॉट स्पॉट बने हुए हैं। आईटीओ चौराहे पर NO2 का लेवल 191 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। यह दैनिक सुरक्षित सीमा से दोगुना है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर को सुरक्षित माना जाता है। वहीं नेहरू नगर में 123 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और ओखला फेज -2 में 116 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई है। सीपीसीबी के मुताबकि, NO2 में बढ़ोत्तरी 2 नवंबर के बाद से हो रही है, क्योंकि हवा शांत है।

अस्थमा और श्वसन संक्रमण की संभावना ज्यादा

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च NO2 स्तर के लंबे समय तक संपर्क में रहने से अस्थमा और श्वसन संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) के विश्लेषक सुनील दहिया ने बताया कि हवा नहीं चलने से NO2 का फैलाव नहीं हो पा रहा है। इससे इसका स्तर बढ़ रहा है।

यह भी पढ़ें: दिल्ली के स्कूलों में समय से पहले विंटर ब्रेक, 9 से 19 नवंबर तक सभी स्कूल बंद

 

HISTORY

Written By

Bhola Sharma

First published on: Nov 08, 2023 02:06 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें