Crime Thriller Stories: प्यार में इंसान किसी भी हद तक जा सकता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कोई अपने प्यार से इतना परेशान हो जाए कि अपनी ही प्रेमिका को जान से मारने के बाद उसके टुकड़े कर दिए। हम महालक्ष्मी मर्डर केस की बात कर रहे हैं। 21 सितंबर 2024 को ये घटना सामने आई, जब महालक्ष्मी के बेंगलुरु वाले अपार्टमेंट से बहुत ही गंदी महक आने की सूचना दी गई और उसकी मां और बहन इसकी जांच करने उसके घर पहुंची। जब उन्होंने पूरी घर की तलाशी ली और जब फ्रिज खोलकर देखा तो वहां महालक्ष्मी की लाख थी, जिसके 50 से ज्यादा टुकड़े किए गए थे। ये देखने के बाद मां और बेटी दोनों की हालात खराब हो गई और वो चिखती हुई घर से बाहर निकलीं। आइए जानते हैं कि महालक्ष्मी केस के पीछे क्या सच्चाई है।
किसने की थी हत्या?
महालक्ष्मी को इतनी बेदर्दी से मारने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका ब्वॉयफ्रेंड मुक्ति रंजन रॉय ही था। रिपोर्ट में बताया गया है कि महालक्ष्मी बेंगलुरू के एक फेमस मॉल में काम करती थी। रॉय भी उसी मॉल में काम करता था, वह लक्ष्मी के टीम का हेड था। वहीं उन दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी थी। बता दें कि पुलिस जांच में यह भी सामने आया था कि महालक्ष्मी पहले से शादीशुदा थी और उसका एक बच्चा भी था, लेकिन वह उनसे अलग रहती थी।
महालक्ष्मी और ब्वॉयफ्रेंड मुक्ति रंजन रॉय को आखिरी बार 1 सितंबर को बेंगलुरु में उनके वर्कप्लेस पर देखा गया था। हफ्तों बाद पड़ोसियों ने उनके घर से दुर्गंध आने की सूचना दी और उनके रिश्तेदारों को सूचित किया। इसके बाद 29 वर्षीय लड़की की मां जब 21 सितंबर को उसके घर पहुंची तो उन्हें उनकी बेटी नहीं मिली, बल्कि उसके फ्रिज में कटे हुए शरीर के अंग और वॉशरूम में खून मिला। पुलिस ने बताया कि महालक्ष्मी के प्रेमी ने उसकी हत्या करने के बाद उसके शरीर के 59 टुकड़े किए थे।
हालांकि मुक्ति रंजन रॉय हत्या ने कुछ दिनों बाद पकड़े जाने के डर से खुद ही सुसाइड कर लिया था और एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उसने अपने जुर्म को कबूला और बताया कि अगर वो लक्ष्मी को नहीं मारता तो वह उसे मार देती।
ओडिशा भाग गया था अपराधी
घटना के सामने आने के कुछ दिनों बाद पुलिस ने ओडिशा के भद्रक में रॉय के ठिकाने का पता लगा लिया। लेकिन जब तक वे उस तक पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इससे पहले कि पुलिस उसे पकड़ पाती, उसने खुदकुशी कर ली। उसके शव के पास से उन्हें एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें महालक्ष्मी के साथ उसके रिश्ते के बारे में बहुत सी जानकारी के साथ उसे मारने की घटना का भी विवरण था।
रॉय ने अपने नोट में बताया कि 2 या 3 सितंबर की रात को उसने उसका गला घोंट कर जान से मार दिया। अगली सुबह बाजार से एक धारदार हथियार खरीदा और वॉशरूम में उसके शरीर के टुकड़े किए और उसके टुकड़ों को फ्रिज में भर दिया। रिपोर्ट बताती है कि फ्रिज के सबसे ऊपरी सेल्फ में लक्ष्मी के पैरों का हिस्सा और आखिरी सेल्फ में उसका सिर रखा हुआ था। इसके बाद रॉय ने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर पहले वॉशरूम को तेजाब से साफ किया, फिर वहां से ओडिशा भाग गया।
क्या रॉय को जान से मारना चाहती थी महालक्ष्मी?
रॉय ने अपने नोट में बताया कि महालक्ष्मी उसे मारना चाहती थी और उसने उसके शव को ठिकाने लगाने के लिए एक काला सूटकेस भी खरीदा था। आपको बता दें कि महालक्ष्मी के घर के अंदर फ्रिज के पास एक काला सूटकेस भी मिला। रॉय ने नोट में लिखा था कि उसका इरादा मेरे शरीर को टुकड़ों में काटना, उन्हें सूटकेस में रखना और मुझे मारने के बाद उन्हें फेंकना था। अगर मैंने उसे नहीं मारा होता, तो महालक्ष्मी मुझे मार देती और मेरे शरीर को फेंक देती। मैंने आत्मरक्षा में उसे मार डाला।
मुक्ति रंजन रॉय के सुसाइड नोट में ये बात भी सामने आई कि महालक्ष्मी उस पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। उसने आरोप लगाया कि जब वह उसकी मांग पूरी नहीं कर पा रहा था तो महालक्ष्मी उसके साथ मारपीट भी करती थी। महालक्ष्मी की मांग लगातार बढ़ रही थी। रॉय ने बताया कि मैंने उसे सोने की चेन और 7 लाख रुपये भी दिए थे, फिर भी वह मेरे साथ मारपीट भी करती थी। बता दें कि रॉय ने जिस हथियार से उनके शरीर को काटा था, उसका अभी तक पता नहीं चला। इसकी क्रूरता के कारण इसकी तुलना आफताब और श्रद्धा हत्याकांड से की गई थी।
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