कांग्रेस ने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए पार्टी सिलसिलेवार तरीके से कई कार्यक्रम करने जा रही है, जिसके साथ वह अपनी जमीनी पकड़ बनाएगी। इसी के तहत जल्द ही कांग्रेस अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई (CWC) की बैठक के साथ ही अधिवेशन करने जा रही है। कांग्रेस की टॉप लीडरशिप ने मंगलवार को अपने सभी महासचिवों और प्रभारियों के साथ मिलकर अहम बैठक की।
3 घंटे तक चली मीटिंग
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में पार्टी के टॉप लीडरशिप ने मंगलवार को अपने नए ऑफिस इंदिरा भवन में अपने तमाम महासचिवों और प्रभारियों के साथ 3 घंटे तक एक अहम बैठक की। इसमें रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। इस मीटिंग में सांसद राहुल गांधी और संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। मीटिंग में तय हुआ कि पार्टी देशभर के अपने जिलाध्यक्षों की बैठक करेगी। यह जानकारी बैठक के बाद मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
We welcome the decision of the six Supreme Court judges who will visit Manipur on March 22nd.
In August 2023, the Supreme Court stated that there was an absolute breakdown of constitutional machinery. Those were the exact words used by the Supreme Court, but despite this, it… pic.twitter.com/4N647ZMFQd
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अप्रैल में होगा अधिवेशन
जयराम रमेश ने बताया कि आने वाले 27-28 मार्च और 3 अप्रैल को जिलाध्यक्षों की बैठक का आयोजन इंदिरा भवन में किया जाएगा। कांग्रेस में यह कवायद लगभग 16 साल बाद होने जा रही है। जबकि 8 और 9 अप्रैल को पार्टी दो दिन का राष्ट्रीय अधिवेशन अहमदाबाद में करने जा रही है। 8 अप्रैल को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की विस्तारित मीटिंग होगी, वहीं 9 अप्रैल को अधिवेशन होगा, जिसमें पार्टी अहम मुद्दों पर चर्चा करेगी।
हिस्सा लेंगे 700 जिलाध्यक्ष
जयराम रमेश का कहना था कि जिलाध्यक्षों का यह आयोजन तीन दिन का होगा, जिसमें 700 जिलाध्यक्ष हिस्सा लेंगे। प्रति दिन 250 जिलाध्यक्षों के बीच चर्चा होगी। इस आयोजन का मकसद है कि जिला स्तर पर इकाई को कैसे मजबूत किया जाए। कैसे जिलाध्यक्षों को ताकत दी जाए और उन्हें राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में लाया जाए। दरअसल, बेलगावी में हुई कांग्रेस की पिछली अहम बैठक में नवसत्याग्रह संकल्प में तय हुआ था कि साल 2025 कांग्रेस के लिए संगठन का साल होगा, जिसमें संगठन सृजन, उसकी मजबूती और सुधार के लिए काम होगा।
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मुकुल वासनिक कमिटी की रिपोर्ट पर चर्चा
कमिटी की रिपोर्ट में जमीन पर संगठन की मजबूती को लेकर है, जिसमें जिलाध्यक्षों को जिम्मेदारी देने, उनका दायित्व और ताकत बढ़ाने और जवाबदेही पर बात की गई थी। दरअसल, पार्टी जिलाध्यक्षों को एक बार फिर उसी तरह की ताकत देने पर विचार कर रही है, जैसा साठ-सत्तर के दशक तक पार्टी के भीतर परंपरा हुआ करती थी। कमिटी ने पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को सौंपी है।
ऐसे तैयार होगा रोडमैप
इस साल सरदार पटेल की 150वीं जयंती भी है। वासनिक का कहना था कि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में यह बैठक बेहद अहम होने जा रही है। विस्तारित सीडब्ल्यूसी में सीडब्ल्यूसी सदस्यों के अलावा सभी प्रदेशों के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक दल के नेता भी पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि वहां पार्टी विभिन्न प्रस्तावों पर आपस में चर्चा कर अगला रोडमैप तय करेगी।