---विज्ञापन---

देश

‘सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने में लगे हैं’, निशिकांत दुबे के बयान पर जयराम रमेश का पलटवार

देश में बीजेपी सांसद सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पलटवार किया और कहा कि बीजेपी संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बना रही है।

Author Edited By : Deepak Pandey Updated: Apr 19, 2025 22:36
जयराम रमेश और निशिकांत दुबे
जयराम रमेश और निशिकांत दुबे

भारतीय जनता पार्टी से सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर ऐसी टिप्पणी की, जिसे लेकर सियासत तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाना है तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। निशिकांत दुबे यहीं नहीं रुके, उन्होंने देश में हो रहे सिविल वॉर के लिए सीजेआई संजीव खन्ना को जिम्मेदार बताया। उनके इस बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा।

निशिकांत दुबे के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को जो अधिकार संविधान देता है, उसको कमजोर करने में लगे हुए हैं। संवैधानिक पदाधिकारी, मंत्री, बीजेपी के सांसद भी सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोलने में लगे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट एक ही बात कह रहा है कि जब आप कानून बना रहे हैं तो संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर के खिलाफ मत जाइए। अगर संविधान के खिलाफ हैं तो इस कानून को हम स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें : वक्फ संशोधन विधेयक पर कांग्रेस का अगला स्टैंड क्या? जयराम रमेश ने दिया ताजा अपडेट

सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से स्वतंत्र हो : जयराम रमेश

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से स्वतंत्र हो, निष्पक्ष हो। जो अधिकार संविधान ने दिया है, उसका पूरा सम्मान करना चाहिए, लेकिन जानबूझकर अलग-अलग आवाज आ रही है और सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाया जा रहा है। जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा जानबूझकर संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बना रही है। ईडी का गलत इस्तेमाल, सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करना और धार्मिक ध्रुवीकरण, ये सब लोगों के ध्यान को असली मुद्दों से भटकाने की साजिश है।

---विज्ञापन---

जानें निशिकांत दुबे ने क्या दिया बयान?

आपको बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट धार्मिक विवादों को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने आर्टिकल 377 का हवाला देते हुए कहा कि एक समय था, जब समलैंगिकता को अपराध श्रेणी में रखा गया था, जिसे हर धर्म के लोग गलत मानते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि जहां आर्टिकल 141 के तहत पूरे देश की अदालतों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू होते हैं तो वहीं आर्टिकल 368 के तहत संसद के पास कानून बनाने का अधिकार है। ऐसे में कैसे सुप्रीम कोर्ट कानून बना सकता है? कैसे राष्ट्रपति को निर्देश दे सकता है?

न्यायपालिका पर क्या बोले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़?

इससे पहले राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा निर्धारित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका की निंदा की। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 142 लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ एक परमाणु मिसाइल बन गया है। देश के लोकतंत्र में कभी ऐसी कंल्पना नहीं की गई थी कि जज कानून बनाएंगे, कार्यपालिका का काम संभालेंगे।

यह भी पढ़ें : ‘संविधान पर सीधा हमला है वक्फ संशोधन विधेयक’, जयराम रमेश ने JDU-TDP से पूछा- क्या है स्टैंड?

HISTORY

Edited By

Deepak Pandey

First published on: Apr 19, 2025 10:32 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें