New Delhi: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को अमेरिकन बार एसोसिएशन इंडिया कॉन्फ्रेंस 2023 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम वर्तमान में सोशल मीडिया के दौर में जी रहे हैं। इस दौर में अगर कोई किसी की आलोचना कर दे तो वह आपको ट्रोल करना शुरू कर देता है।
झूठी बात बीज की तरह बोई जाती है
उन्होंने फेक न्यूज पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज बहुत तेज रफ्तार से फैलती है। इस कारण सच्चाई अब विक्टिम बन गई है। सीजेआई ने कहा कि एक झूठी बात बीज की तरह जमीन में बोई जाती है जो तर्क के मामले में कहीं नहीं टिकती, जिसे वैज्ञानिक जांच से भी नहीं रोका जा सकता है।
"झूठी खबरों के दौर में सच पीड़ित हो गया है, लोगों के पास सब्र और सहिष्णुता की कमी"
---विज्ञापन---◆ CJI डीवाई चंद्रचूड़ का बयान |
DY Chandrachud | #DYChandrachud pic.twitter.com/JMthqbX1Po
— News24 (@news24tvchannel) March 4, 2023
वैश्वीकरण के युग में कानून विषय पर टिप्पणी करते हुए सीजेआई ने कहा कि वैश्वीकरण के कारण तकनीक और दुनिया के कामकाज में व्यापक बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण ने अपने स्वंय के असंतोष को जन्म दिया है। अब लोकतंत्र में दुनिया द्वारा एक मंदी का अनुभव किया गया है, जिसे कभी उदार माना जाता था।
भारतीय संविधान ग्लोबलाइजेशन का प्रोडक्ट
सीजेआई ने कहा कि जब संविधान बनाया गया तो यह बड़ा परिवर्तन लाने वाला डाॅक्यूमेंट था, जिसमें दुनियाभर के संविधानों का सम्मिश्रण था। भारतीय संविधान के चीफ आर्किटेक्ट डॉ. आंबेडकर ने कहा था कि संविधान में सिर्फ दुनिया से प्रेरणा नहीं ली गई है, बल्कि यह देश के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह एक बेहद अनोखा भारतीय प्रोडक्ट है जो ग्लोबल भी है।
जजों को भी लगता है ट्रोलिंग से डर
उन्हाेंने कहा कि उस वक्त हमारे पास इंटरनेट नहीं था। हम ऐसे दौर में थे जो एल्गोरिदम से नहीं चलता था। सोशल मीडिया तो बिल्कुल नहीं था। सीजेआई ने कहा कि सोशल मीडिया के युग में इस बात का डर लगा रहता है कि लोग आपको ट्रोल करेंगे और यकीन मानिए हम जज होकर इस ट्रोलिंग से नहीं बच पाते हैं।
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