ED Action Against Vivo: चीन की स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी वीवो इंडिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपपत्र दायर किया है। जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया है। इसमें कहा गया है कि वीवो चाइना ने वीवो इंडिया के माध्यम से कंपनियों का एक जाल बिछाया। इसमें वीवो चीन द्वारा भारत सरकार को धोखा देने के लिए निर्देशित करने का आरोप लगाया गया है। इसपर कोर्ट ने आरोपियों को 19 फरवरी 2024 तक पेश होने को कहा है। आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में हैं जिन्हें स्पेशल जज किरण गुप्ता ने तलब किया है।
इसमें लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के एमडी हरिओम राय, चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक को आरोपी बनाया गया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि वीवो चाइना के कंट्रोल वाली कई संस्थाओं ने भारतीय कानूनों और देश की आर्थिक संप्रभुता को नुकसान पहुंचाया और अपने लिए गलत तरीके से फायदे के लिए जाली पहचान दस्तावेजों का सहारा लिया।
ये भी पढ़ें-Corona Variant JN.1 के 21 मामले आए सामने, घर से निकलने से पहले पढ़ लें डॉक्टरों की सलाह
वीजा नियमों का भी उल्लंघन
एजेंसी ने कहा है कि भारत आए चीनी नागरिकों के प्रवेश वीजा का इस्तेमाल करके यह किया गया गया था, जो भारत के वीजा नियमों का उल्लंघन था। आगे कहा गया है कि झूठे डॉक्यूमेंट्स जारी करके वीवो चाइना द्वारा इसकी व्यवस्था और सुविधा प्रदान की गई थी। गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो-इंडिया और अन्य के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की आपराधिक धाराओं के तहत इस महीने की शुरुआत में आरोपपत्र दायर किया गया था।
और क्या लगाया गया है आरोप
ईडी का दावा है कि चारों आरोपियों ने वीवो-इंडिया को गलत तरीके से लाभ कमाने में सक्षम बनाया जो देश की आर्थिक संप्रभुता के लिए हानिकारक था। एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में वीवो-इंडिया और उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा मारा ,जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का दावा किया गया था। ईडी ने आरोप लगाया था कि भारत में टैक्स देने से बचने के लिए वीवो-इंडिया ने 62,476 करोड़ रुपये अवैध रूप से चीन को ट्रांसफर किया। वहीं कपनी ने आरोपों को खारिज किया था।
ये भी पढ़ें-Weather Update Today: ठंडी हवाओं से कांपा दिल्ली-NCR, बारिश को लेकर IMD ने जारी किया ताजा अपडेट