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पिता सिक्योरिटी गार्ड, मां चलाती थी चाय की दुकान; बेटा ऐसे ISRO में बना साइंटिस्ट

ISRO के अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट Chandrayaan 3 की सफलता ने पूरे विश्व में देश का गौरव बढ़ा दिया है। इस सफलता के पीछे प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों की कई कहानियां छिपी हुई हैं जो बताती हैं कि किन हालातों से लड़कर उन्होंने इस मुकाम का पाया है। इन्हीं में एक कहानी छत्तीसगढ़ के भारत कुमार […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Aug 25, 2023 09:19
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ISRO के अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट Chandrayaan 3 की सफलता ने पूरे विश्व में देश का गौरव बढ़ा दिया है। इस सफलता के पीछे प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों की कई कहानियां छिपी हुई हैं जो बताती हैं कि किन हालातों से लड़कर उन्होंने इस मुकाम का पाया है। इन्हीं में एक कहानी छत्तीसगढ़ के भारत कुमार की भी है। देश के एक अत्यन्त गरीब परिवार से आने वाले भारत ने चंद्रयान की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मां चलाती थी चाय की दुकान, पिता थे सिक्योरिटी गार्ड

भारत का जन्म छत्तीसगढ़ के एक शहर चरौदा के एक गरीब परिवार में हुआ था। घर चलाने के लिए उनके पिता सिक्योरिटी गार्ड का काम करते थे, जबकि उनकी मां चाय की दुकान चलाती थीं। आर्थिक तंगी के बावजूद माता-पिता ने उनका सपना पूरा करने के लिए उनकी पढ़ाई पर कोई आंच नहीं आने दी।

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भारत बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे।अपनी मेहनत और पढ़ाई के दम पर उन्होंने 12वीं के बाद आईआईटी, धनबाद में एडमिशन ले लिया। उनकी योग्यता और मेहनत को देखते हुए स्कूल ने भी 9वीं कक्षा के बाद उनकी फीस माफ कर दी थी।

आईआईटी में जीता गोल्ड मैडल

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ाई करते हुए भी भारत के सामने आर्थिक समस्या आई। ऐसे में रायपुर के व्यापारी अरुण बाग और जिंदल ग्रुप ने उनका साथ दिया तथा पढ़ाई के लिए आवश्यक पैसा उपलब्ध कराया। इस तरह चुनौतियों से लड़ते हुए उन्होंने आईआईटी में 98 फीसदी मार्क्स के साथ पास आउट किया। कॉलेज में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए उन्हें गोल्ड मैडल भी दिया गया।

इस तरह चुने गए ISRO के लिए

जब भारत कुमार IIT में 7th Semester में थे तभी उन पर इसरो की नजर पड़ी और उन्हें केवल 23 वर्ष की उम्र ही में इसरो में वैज्ञानिक के रूप में काम करने का मौका मिला। इसके बाद वह चंद्रयान 3 मिशन से जुड़े और देश और दुनिया में सफलता की नई कहानी लिखने वाली वैज्ञानिकों की टीम का हिस्सा बनें।

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सबसे पहले सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर ने शेयर की थी उनकी कहानी

इसरो वैज्ञानिक भारत कुमार की कहानी के बारे में सबसे पहले सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर आर्यंश ने ट्वीटर पर एक ट्वीट करते हुए जानकारी दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में भारत को राख से फिर जी उठने वाली फीनिक्स पक्षी की संज्ञा दी थी।

 

First published on: Aug 25, 2023 09:10 AM

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