केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश पर जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है। केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में कार्यरत जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने की औपचारिक अधिसूचना शुक्रवार को जारी की है। केंद्र की ओर से जारी अधिसूचना में जस्टिस वर्मा को अपना पदभार ग्रहण करने और इलाहाबाद हाई कोर्ट में कार्यभार संभालने का निर्देश दिया गया है। केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट के एक अन्य जज जस्टिस सीडी सिंह का भी इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया है।
Centre notifies the transfer of Justice Yashwant Varma, currently serving as a Judge of the Delhi High Court, to the Allahabad High Court.
---विज्ञापन---Justice Varma has been directed to assume his position and take charge at the Allahabad High Court. pic.twitter.com/dNgdMtdgeL
— ANI (@ANI) March 28, 2025
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हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने सीजेआई खन्ना से की थी मुलाकात
वहीं, जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाइ कोर्ट में करने को लेकर वहां के वकील विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर गुरुवार को देशभर के हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के 6 प्रतिनिधियों ने देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना से मुलाकात की थी। कॉलेजियम के सहयोगी जजों की मौजूदगी में CJI ने इनसे मुलाकात की थी और बार एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने का भरोसा दिलाया था। बार एसोसिएशंस के प्रतिनिधियों की अगुवाई कर रहे इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अनिल तिवारी ने मुलाकात पर संतोष जताते हुए कहा था कि CJI ने उनकी मांगों को सुना और उन पर विचार करने का भरोसा दिलाया है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की थी सिफारिश
इससे पहले 24 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले की सिफारिश की गई थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को वापस इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि ‘कॉलेजियम ने 20 और 24 मार्च को हुई मीटिंग में जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की है।’ बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट रजिस्ट्री ने आधिकारिक रूप से घोषणा की थी कि जस्टिस यशवंत वर्मा से न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया है। यह फैसला दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJ) देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना के निर्देश के बाद लिया था।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर के स्टोररूम में 14 मार्च की रात करीब 11.15 बजे आग लग गई थी। हालांकि, यह मामूली आग थी लेकिन फायर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस और फायर विभाग लगभग दो घंटे तक वहां रहे। जज के पर्सनल असिस्टेंट ने पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को PCR कॉल करके घटना की जानकारी दी थी। इस दौरान जस्टिस वर्मा घर पर नहीं थे। फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाने के बाद जब घर में एंट्री की तो वहां बड़ी संख्या में नोट बिखरे मिले थे। इस घटना से पूरी दिल्ली में हड़कंप मच गया था।
कौन हैं जस्टिस यशवंत वर्मा?
जस्टिस यशवंत वर्मा का जन्म 6 जनवरी 1969 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बीकॉम (ऑनर्स) की पढ़ाई की और मध्य प्रदेश के रीवा विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक वकील के रूप में उन्होंने कॉर्पोरेट कानूनों, कराधान और कानून की संबद्ध शाखाओं के अलावा संवैधानिक, श्रम और औद्योगिक विधानों के मामलों में वकालत की। 56 वर्षीय जस्टिस वर्मा 1992 में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए थे। उन्हें 13 अक्टूबर 2014 को इलाहाबाद हाई कोर्ट का अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया था और उन्होंने 1 फरवरी 2016 को स्थायी जज के रूप में शपथ ली थी।