Muharram: 29 अगस्त को मुहर्रम है। इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने गुरुवार को एक जनहिता याचिका की सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा, ‘कोई भी धर्म यह निर्धारित नहीं करता है कि दूसरों की शांति को भंग करके प्रार्थना की जानी चाहिए। इसलिए मुहर्रम में ढोल लगातार बजाना नहीं चल सकता है। पुलिस को ढोल बजाने के लिए समय को विनियमित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी करना चाहिए।’
चीफ जस्टिस टीएस की खंडपीठ जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अनुमेय स्तरों के संबंध में शोर के स्तर को विनियमित करने के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया।
Calcutta High Court Chief Justice Division directs West Bengal police to issue a public notice, regulating timings for beating of drums on the occasion of Muharram on July 29. Court also directs West Bengal Pollution Control Board to issue public notice, regulating noise levels… pic.twitter.com/5SZHlGJkk3
— ANI (@ANI) July 27, 2023
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कोर्ट ने दिया ये सुझाव
हाईकोर्ट ने सुझाव दिया कि सुबह दो घंटे और शाम को दो घंटे ढोल बजाने की अनुमति दी जानी चाहिए। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चे होंगे। परीक्षाएं होंगी। बूढ़े और बीमार लोग भी होंगे। आम तौर पर सुबह दो घंटे और शाम को दो घंटे की अनुमति देते हैं। शाम सात बजे के बाद ढोल नहीं बजना चाहिए।
याचिकाकर्ता बोला- देर रात तक बजते हैं ढोल
याचिकाकर्ता कोर्ट में दलील दी थी कि उनके इलाके में मुहर्रम त्योहार के बहाने गुंडे देर रात तक ढोल बजाते रहते हैं। पुलिस से मदद मांगी गई तो उन्होंने अदालत का आदेश लाने की बात कहकर वापस कर दिया।
अब समूहों को लेनी होगी परमीशन
कोर्ट ने निर्देश दिया कि संगठित समूहों को ढोल बजाने के लिए अनुमति लेनी होगी। उनका स्थान भी तय होगा। इसके अलावा समय सीमा तय की जाएगी। यदि कोई प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे दंडित भी किया जाएगा।
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