budaun Person Slits Pregnant Wife Womb: उत्तर प्रदेश के बदायूं से एक खौफनाक केस सामने आया है। घर में फिर से लड़की पैदा होने के डर से एक शख्स इस हद तक चला गया कि उसने अपनी पत्नी का पेट चीर डाला। पत्नी 8 महीने की गर्भवती थी और अगले ही महीने बच्चे को जन्म देने वाली थी। इस वारदात में महिला की तो जान बच गई मगर बच्चा इस दुनिया में नहीं रहा। घटना के 3 साल बाद कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाया है और उस शख्स की सारी जिंदगी सलाखों के पीछे कटने वाली है।
क्या है मामला?
ये मामला बदायूं के सिविल लाइन्स एरिया का है। 46 वर्षीय पन्ना लाल की पत्नी अनीता देवी गर्भवती थी। अनीता की प्रग्नेंसी को 8 महीने बीत चुके थे। तभी पन्ना लाल को किसी ज्योतिषी ने बताया कि उसके घर में फिर से एक बेटी का जन्म होगा। ये सुनकर पन्ना लाल का पारा आसमान छूने लगा और घर आते ही उसने दरांती उठा ली। 19 सितंबर 2020 की शाम को पन्ना लाल ने दरांती की मदद से अपनी पत्नी का पेट फाड़ा और बच्चे का जेंडर पता लगाने की कोशिश करने लगा।
बच्चे की जान गई
अनीता को सफदरगंज अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अनीता की हालत काफी सीरियस थी। ऐसे में डॉक्टर्स ने जैसे तैसे अनीता की जान बचा ली मगर उसके पेट में पल रहा नन्हा मासूम इस दुनिया में आने से पहले ही अलविदा कह गया। अनीता के बेटे की पेट में ही मौत हो गई और पुलिस ने पन्ना लाल को फौरन हिरासत में ले लिया।
अनीता के भाई ने सुनाई आपबीती
अनीता के भाई रवि सिंह के अनुसार 25 साल पहले अनीता की शादी पन्ना लाल से हुई थी। शादी के बाद से अनीता ने 5 बेटियों को जन्म दिया मगर पन्ना लाल को बेटा चाहिए था। ऐसे में जब अनीता छठी बार गर्भवती हुई तो पन्ना लाल ने गांव के एक पुजारी से बच्चे के बारे में पूछा। इसपर पुजारी ने बताया कि पन्ना लाल को फिर से लड़की ही होगी। पन्ना लाल ने अनीता से गर्भपात करवाने की जिद की मगर अनीता ने बच्चे को जन्म देने का फैसला किया। इसलिए वो अक्सर अनीता को मारता-पीटता भी था मगर हमें नहीं पता था कि पन्ना लाल इतना खौफनाक कदम उठा लेगा।
आरोपी को मिली उम्रकैद
बता दें कि पन्ना लाल के खिलाफ IPC की धारा 307 (जान से मारने की कोशिश) और 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात करने) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले पर सुनवाई करते हुए जज सौरभ सक्सेना ने पन्ना लाल को उम्र कैद की सजा सुनाई है और अब पन्ना लाल की सारी जिंदगी जेल में कटने वाली है।