नई दिल्ली: पशु तस्करी के एक मामले में अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। टीएमसी ने आरोप लगाया कि वह जांच एजेंसियों की मदद से पार्टी को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद सौगत रॉय ने कहा कि मंडल पार्टी के अच्छे कार्यकर्ता हैं और उनकी गिरफ्तारी से पार्टी के नेता-कार्यकर्ता निराश हैं। सौगत रॉय ने कहा कि उन्हें मंडल की गिरफ्तारी के बारे में विशेष जानकारी नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि यह भाजपा सरकार के राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।
तृणमूल विधायक मदन मित्रा ने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल सरकार को गिराने की पूरी कोशिश कर रही है और टीएमसी नेताओं पर दबाव बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो हुआ वह बंगाल में नहीं होगा।
भाजपा ने भी किया पलटवार, कहा- मंडल जेल में रहने का हकदार
तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी और पार्टी के नेताओं के आरोपों के बाद भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा ने कहा कि अनुब्रत मंडल जेल में रहने का हकदार है और उसे फिर से मुक्त नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा सांसद दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि अनुब्रत मंडल ने बीरभूम में कई लोगों की जिंदगी बर्बाद की है और लोगों को प्रताड़ित किया है। उन्होंने कहा, “बीरभूम के सिर्फ एक स्थानीय नेता होने के बावजूद मंडल ने जिला प्रशासन को नियंत्रित किया था। अनुब्रत विधानसभा चुनाव के बाद की हिंसा में शामिल था, उसे कभी भी मुक्त नहीं किया जाना चाहिए।
दिलीप घोष ने आईपीएस राजीव कुमार का भी किया जिक्र
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए घोष ने कहा कि हमने देखा है कि कैसे टीएमसी सरकार ने आईपीएस राजीब कुमार को बचाने की कोशिश की, जो टीएमसी के प्रिय और सारदा चिटफंड घोटाले के आरोपी थे। वहीं, भाजपा आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अपराधियों का संरक्षण करती हैं। बता दें कि एसएससी घोटाले में ईडी द्वारा बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद हाल के हफ्तों में अनुब्रत मंडल दूसरे टीएमसी नेता हैं जिन्हें गिरफ्तार किया गया है।
कौन हैं बंगाल में पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार अनुब्रत मंडल?
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी और तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को 2020 के मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मंडल को गिरफ्तार करने से पहले उसे 10 बार तलब किया था, लेकिन वह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए। पशु तस्करी मामले की जांच के तहत केंद्रीय एजेंसी इससे पहले उनसे दो बार पूछताछ कर चुकी है।
अनुब्रत मंडल टीएमसी के बीरभूम जिलाध्यक्ष हैं। अनुब्रत को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगियों में से एक बताया जाता है। 61 साल के मंडल का बीरभूम में काफी प्रभाव है और उन्होंने तृणमूल कांग्रेस को इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद की। बीरभूम की 11 विधानसभा सीटों में से टीएमसी के पास फिलहाल 10 सीटें हैं। पार्टी सुप्रीमो के प्रति उनकी वफादारी का इनाम तब मिला जब उन्हें टीएमसी की राष्ट्रीय कार्य समिति में जगह दी गई।
तीन दशक से राजनीति में सक्रिय है अनुब्रत मंडल
दिलचस्प बात है कि तीन दशक से अधिक समय तक राजनीति में रहने के बावजूद मंडल ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा। वह पर्दे के पीछे काम करना पसंद करते हैं। अनुब्रत मंडल को ध्रुवीकरण वाले बयान देने के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने कई मौकों पर पुलिस को धमकाया और टीएमसी कार्यकर्ताओं को उन पर बम फेंकने के लिए उकसाया।
मंडल पर कई गुंडों को पनाह देने का भी आरोप है। कथित तौर पर उसके बीरभूम इलाके में रेत खनन, पत्थर उत्खनन और पशु तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों से भी संबंध हैं। 2018 के पंचायत चुनाव के दौरान मंडल ने मीडिया से कहा, ”विपक्षी नेता जब नामांकन दाखिल करने जाएंगे तो विकास सड़क किनारे खड़ा हो जाएगा।” यह एक संकेत था कि उनके गुंडे उम्मीदवारों की प्रतीक्षा कर रहे होंगे।
सीबीआई ने इससे पहले बंगाल में चुनाव बाद हिंसा मामले में पूछताछ के लिए मंडल को तलब किया था। उन्होंने गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया था, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया था। मंडल हाइपोक्सिया से पीड़ित है।