BJP Plan for 2024 Election: बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है। बीजेपी का सबसे खास फोकस एरिया उसकी कमजोर कड़ी वाली 160 सीटें हैं, जिसे वह 2019 में हार गई थी। बीजेपी इन सभी 160 सीटों पर समय से पहले उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करने की तैयारी कर रही है। उम्मीदवारों के नाम और सीट पर अभी पार्टी कितना मजबूत हो पाई है, इसके लिए पार्टी ने 1 सितंबर को दिल्ली के मुख्यालय में बैठक बुलाई है।
बैठक में कौन-कौन शामिल होगा?
एक सितंबर को कमजोर सीटों पर चर्चा यानी (लोकसभा प्रवास) के लिए पार्टी के दिग्गज नेता जुटेंगे। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, कमजोर सीट पर काम करने वाली टीम के तीनों महासचिव, क्लस्टर के प्रभारी दर्जनभर केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी रहेंगे।
कितनी कमजोर सीटों पर बीजेपी करेगी चर्चा?
2019 लोकसभा चुनाव में हारी हुई 160 सीटों पर बीजेपी चर्चा करेगी। पार्टी ने एक साल पहले ही इनको क्लस्टर में बांटकर केंद्र सरकार के 40 मंत्रियों को इसका चार्ज दिया था। सभी मंत्रियों को इन 160 सीटों को जीतने के लिए फुल प्रूफ प्लान बनाने के लिए कहा था। एक सितंबर को बुलाई गई बैठक में अब इन सीटों पर अंतिम रणनीति तैयार होगी।
लोकसभा की कमजोर सीटों के उम्मीदवारों के नाम पर भी चर्चा
बीजेपी ने एक सितंबर को 160, C-D कैटेगिरी वाली सीटों पर कैंडिडेट के चयन के लिए बैठक बुलाई गई है। इन सीटों पर समय से पहले उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करना चाहती है। ताकि उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए अच्छा खासा समय मिल सके।
हारी सीट जीतने का प्लान
2019 की हारी हुई लोकसभा सीटों को जीतने के लिए पिछले एक साल से ज्यादा समय से मशक्कत कर रही है। इन 160 सीटों पर बीजेपी लोकसभा प्रवास योजना के तहत काम कर रही थी। बीजपी इन सीटों पर कितना फोकस कर रही है, उसे इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी ने 160 सीटों को सी और डी कैटेगिरी में बांट रखा है। सी और डी कैटेगिरी में 80-80 सीटें रखी गई हैं। इन सीटों पर जेपी नड्डा से लेकर अमित शाह और पीएम मोदी तक के कई कार्यक्रम हुए हैं।
किन-किन राज्यों में बीजेपी की कमजोर सीट?
बीजेपी के मिशन-160 में ज्यादातर सीटें दक्षिण की हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल,बिहार,महाराष्ट्र की भी कई सीटें है। यूपी की 14 सीटों पर बीजेपी 2019 में हारी थी। नेताओं को अलग अलग सीटों का जिम्मा दिया गया है। कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कमल खिलाने का जिम्मा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर है। उसी तरह उत्तरप्रदेश की कमजोर सीट की जिम्मेदारी सुनील बंसल को दिया गया है।
बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े के पास बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। बीजेपी के पास वर्तमान में 17 सीटें हैं। इस तरह से जेडीयू की 16 और कांग्रेस के कब्जे वाली बिहार की एक सीट को जिताने का प्रभार तावड़े के ऊपर है। इस तरह से बीजेपी हारी 160 सीटों को जिताने के लिए क्लस्टर प्रभारी बनाकर माइक्रो लेवल पर काम कर रही है।इसके लिए 40 केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है।