Action against child marriage: असम बाल विवाह (Child Marriage) के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के लिए एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। पुलिस ने यहां बाल विवाह करने वालों के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। असम पुलिस (Assam Police) ने इस बार बाल विवाह करने वाले 800 लोगों को एक साथ गिरफ्तार किया है। सीमावर्ती राज्य असम में मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा की खास पहल पर राज्य की पुलिस बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत बाल विवाह करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर हिमंता सरमा ने लिखा, “बाल विवाह के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई में असम पुलिस ने एक विशेष अभियान में 800 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो सुबह के शुरुआती घंटों में शुरू हुआ है।” उन्होंने कहा कि सामाजिक खतरे से संबंधित मामलों में गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि ऑपरेशन अभी भी जारी है। 11 सितंबर को, सरमा ने असम विधानसभा को बताया था कि पिछले पांच वर्षों में बाल विवाह से संबंधित मामलों में कुल 3,907 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 3,319 यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम, 2012 (POCSO) के तहत आरोपी बनाए गये हैं।
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फरवरी में 1800 लोगों को किया था गिरफ्तार
इसी साल के फरवरी महीने में बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम के तहत असम में 1,800 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। राज्य मंत्रिमंडल ने 23 जनवरी को यह फैसला किया था कि बाल विवाह के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और साथ ही व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इस घोषणा के एक पखवाड़े से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए थे। राज्य के विभिन्न हिस्सों में गिरफ्तारियां की गई थीं, जिनमें 136 गिरफ्तारियां धुबरी में हुई हुई थीं, जहां सबसे अधिक 370 मामले दर्ज हुए थे। इसके बाद बारपेटा में 110 और नागांव में 100 गिरफ्तारियां हुई थीं।
सीएम ने कुरीति हटाने की अपील की थी
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने लोगों से ‘‘इस कुरीति से मुक्ति’’ के लिए सहयोग एवं समर्थन की अपील की थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, असम में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर सर्वाधिक है और बाल विवाह इसका प्रमुख कारण रहा है। राज्य में दर्ज विवाह में से 31 प्रतिशत मामले निषिद्ध आयुवर्ग के हैं।
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