Bhutan-Adani Group Deal: 8 मई 2025 को थिम्फू में भूटान की ड्रक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन (DGPC) और अडानी ग्रुप ने 5,000 मेगावाट के हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स के लिए एक खास डील साइन की है। इस डील को DGPC के मैनेजिंग डायरेक्टर दाशो छेवांग रिनजिन और अडानी ग्रीन हाइड्रो लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नरेश तेलगु ने साइन किया। इस डील में हाइड्रोपावर और पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स को स्टेप बाय स्टेप डेवलप किया जाएगा।
ये साझेदारी 570/900 मेगावाट के वांगछू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर फाइनल हुई है। इसमें DGPC की 51% और अडानी ग्रुप की 49% हिस्सेदारी है। इस मौके पर भूटान के प्रधानमंत्री दाशो त्शेरिंग तोबगे, एनर्जी और नेचुरल रिसोर्सेज मिनिस्टर ल्योनपो गेम त्शेरिंग और कई बड़े लोग मौजूद रहे।
क्लीन एनर्जी का बड़ा सेंटर बनेगा भूटान
भूटान और अडानी ग्रुप ने मिलकर 5,000 मेगावाट के हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स बनाने का बड़ा प्लान तैयार किया है। इसमें हाइड्रोपावर के साथ-साथ पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स भी शामिल होंगे। ये प्रोजेक्ट्स स्टेप बाय स्टेप शुरू होंगे। पहले प्रोजेक्ट्स को चुना जाएगा, फिर उनकी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाई जाएगी और इसके बाद इन्हें लागू किया जाएगा।
ये डील भूटान के साल 2040 के लक्ष्य रिन्यूएबल एनर्जी प्लान का हिस्सा है, जिसका टारगेट 20,000 मेगावाट की बिजली कैपेसिटी हासिल करना है। इस प्लान में सोलर और जियोथर्मल एनर्जी को भी बढ़ावा दिए जाने के बात की गई है। ये पार्टनरशिप भूटान को क्लीन एनर्जी का बड़ा सेंटर बनाने में मदद करेगी।
भारत को मिलेगी क्लीन एनर्जी
इस डील का एक खास हिस्सा 570/900 मेगावाट का वांगछू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट भी है, जो पहले से चल रहा है। इसमें DGPC की 51% और अडानी की 49% हिस्सेदारी है। DGPC और अडानी ने इस प्रोजेक्ट के लिए शेयरहोल्डर अग्रीमेंट को फाइनल कर लिया है, जो भूटान के हाइड्रोपावर सेक्टर में उनकी जॉइंट एफर्ट्स का बड़ा कदम है। ये प्रोजेक्ट भूटान की हाइड्रोपावर कैपेसिटी को बढ़ाएगा और भारत को क्लीन एनर्जी सप्लाई करने में बड़ा रोल प्ले करेगा।
एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन के लिए हैं कमिटेड
अडानी ग्रीन हाइड्रो लिमिटेड के COO नरेश तेलगु ने कहा कि ‘ये पार्टनरशिप क्लीन एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की हमारी कमिटमेंट और जिम्मेदारी को भी दिखाती है, जो इलाके में एनर्जी सिक्योरिटी को बढ़ाती है। DGPC के साथ मिलकर, हम भूटान को उसकी हाइड्रोपावर पोटेंशियल का फायदा उठाने और भारत को भरोसेमंद ग्रीन एनर्जी एक्सपोर्ट करने में मदद कर रहे हैं। ये सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए क्रॉस-बॉर्डर कोऑपरेशन का शानदार एग्जाम्पल है।’
यह डील क्लीन एनर्जी को बूस्ट करने और एनवायरनमेंट को प्रोटेक्ट करने की दिशा में बड़ा कदम है। भूटान का फोकस हाइड्रोपावर, सोलर और जियोथर्मल जैसे रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज पर है। अडानी ग्रुप अपनी प्रोजेक्ट डेवलपमेंट, फाइनेंसिंग और मार्केट एक्सेस की स्किल्स का यूज करेगा। DGPC भूटान का टॉप हाइड्रोपावर डेवलपर है, सालों से देश के रिन्यूएबल रिसोर्सेज को मैनेज कर रहा है। इस डील से उसकी पोजिशन और स्ट्रॉन्ग होगी।
भारत और भूटान के बीच गहरी होगी दोस्ती
यह डील भारत और भूटान के बीच पहले से चली आ रही दोस्ती और एनर्जी पार्टनरशिप को और स्ट्रॉन्ग करेगी। अडानी ग्रुप भारत के पावर मार्केट्स में भूटान की बिजली को कनेक्ट करने का काम करेगा, जिससे इलाके में एनर्जी ट्रेड को बूस्ट मिलेगा। भूटान की रॉयल गवर्नमेंट और भारत सरकार इस डील को पूरा सपोर्ट दे रही हैं। ये साझेदारी दोनों देशों के साझा गोल को दिखाती है, जिसमें क्लीन एनर्जी और इकनॉमिक ग्रोथ पर फोकस किया गया है।
DGPC के मैनेजिंग डायरेक्टर दाशो छेवांग रिनजिन ने कहा है कि ‘ये स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप भारत सरकार के साथ हमारी सॉलिड साझेदारी को और मजबूत करेगी। भूटान के ढेर सारे हाइड्रोपावर रिसोर्सेज को यूज करने में ये मदद करेगी, जो हमारी दोस्ती का बेस है। हम अडानी ग्रुप के साथ मिलकर काम करने और उनकी ग्लोबल सक्सेस से सीखने के लिए एक्साइटेड हैं।’
इस डील से क्या होगा फायदा
इस डील के माध्यम से भूटान और अडानी ग्रुप ने मिलकर एक बड़ा प्लान बनाया है, जिसमें भूटान में 5,000 मेगावाट की बिजली बनाने वाले हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स शुरू होंगे। ये बिजली पानी की ताकत से बनेगी, जो क्लीन और एनवायरनमेंट-फ्रेंडली है। भूटान अपनी नदियों से ढेर सारी बिजली बनाएगा और उसे भारत को बेचेगा।
इससे भूटान को पैसा और भारत को ग्रीन एनर्जी मिलेगी। इस डील में भूटान की DGPC और भारत का अडानी ग्रुप साथ काम करेंगे। अडानी ग्रुप भारत में बिजली को मार्केट तक पहुंचाने में मदद करेगा। ये डील भूटान को इकनॉमिकली स्ट्रॉन्ग बनाएगी, क्लीन एनर्जी को बढ़ाएगी और इलाके में एनर्जी ट्रेड को बूस्ट करेगी।