Bangladesh ISKON Temple Chief Chinmay Krishna Controversy: बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के प्रमुख श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बवाल मचा हुआ है। बांग्लादेश पुलिस ने 25 नवंबर को उन्हें ढाका एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी की वजह बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बताया जा रहा है। भारत सरकार ने भी बांग्लादेश के इस कदम की कड़ी निंदा की है। तो आइए जानते हैं कि श्री चिन्मय कृष्ण दास आखिर कौन हैं और उनसे जुड़ा पूरा विवाद क्या है?
1. कौन हैं श्री चिन्मय कृष्ण दास?
चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के प्रमुख पुजारी और प्रवक्ता हैं। बांग्लादेश में इस मंदिर को पुंडारीक धाम कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार राधारानी के पिता वृषभानु महाराज का जन्म इसी स्थान पर हुआ था। वृषभानु का एक नाम श्री पुंडारिक विद्यानिधि भी था, जिसकी वजह से इस्कॉन मंदिर को पुंडारिक धाम के नाम से जाना जाता है।
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2. चिन्मय कृष्ण दास का असली नाम
बांग्लादेश के जाने-माने संतों में से एक श्री चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी हैं। वहीं उनका असली नाम चंदन कुमार धर है। बेशक वो पुंडारिक धाम के प्रमुख है, लेकिन उनके अनुयायी दुनियाभर में मौजूद हैं। श्री चिन्मय कृष्ण दास अक्सर अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर आवाज उठाते रहे हैं। खासकर शेख हसीना की सरकार हटने के बाद से चिन्मय दास बांग्लादेश में काफी एक्टिव हो गए हैं।
ISKCON tweets, “We have come across disturbing reports that Sri Chinmoy Krishna Das, one of the prominent leaders of ISKCON Bangladesh, has been detained by the Dhaka police. It is outrageous to make baseless allegations that ISKCON has anything to do with terrorism anywhere in… pic.twitter.com/Db8xG1JX3y
— ANI (@ANI) November 25, 2024
3. चिटगांव में चिन्मय दास की रैली
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए चिन्मय दास ने एक रैली का आगाज किया था। चंटगांव में आयोजित इस रैली में उन्होंने बांग्लादेश सरकार के सामने 8 बड़ी मांगे रखी थीं। इन मांगों में संविधान संशोधन से लेकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, अल्पसंख्यकों के लिए नए मंत्रालय का गठन समेत मंदिर-मठों की संपत्तियों की सुरक्षा से जुड़े कानून बनाने की अपील की थी।
4. चिन्मय दास क्यों हुए गिरफ्तार?
बांग्लादेश सरकार का कहना है कि चिन्मय दास ने 22 नवंबर को चटगांव में एक रैली की थी। इस दौरान उन्होंने भगवा झंडा लहराया था। यही नहीं उन्होंने उन्होंने भगवा झंडे को बांग्लादेश के राष्ट्रीयध्वज से ऊपर रखा था, जिससे बांग्लादेश का अपमान हुआ है। ऐसे में चिन्मय दास के खिलाफ 18 देशद्रोह के मुकदमें दर्ज किए गए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि बांग्लादेश के कानून में देशद्रोह के लिए आजीवन कारावास की सजा निर्धारित की गई है।
#WATCH | South 24 Parganas: West Bengal Assembly LoP & BJP Leader Suvendu Adhikari holds protest in Behala against the arrest of ISKCON Bangladesh priest Chinmoy Krishna Das by Dhaka police pic.twitter.com/ImXAvAyjTu
— ANI (@ANI) November 26, 2024
5. चिन्मय दास ने आरोपों को बताया झूठा
इस्कॉन प्रमुख श्री चिन्मय कृष्ण दास ने उन पर लगे देशद्रोह के आरोपों को झूठा करार दिया है। उनका कहना है कि झंडा उनकी रैली से 2 किलोमीटर की दूरी पर लहराया गया था, जहां वो उपस्थित नहीं थे। बांग्लादेश सरकार ने उन्हें झूठें आरोपों के तहत हिरासत में लिया है।
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