नई दिल्ली: पांच साल तक के बच्चों को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर प्रदान करते हुए बाल आधार योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लेकर जाने की उम्मीद जताई गई है। बताया गया है कि इसके तहत 16 मिलियन कार्ड जारी किए गए हैं। इससे बच्चों को भी पूर्वस्कूली स्तर पर अफने लाभों के लिए हकदार बनाया जा सकेगा।
UIDAI रजिस्ट्रार जनरलों के साथ गठजोड़ करना चाहता है, जो नामांकन एजेंट बन सकते हैं। इससे जन्म प्रमाण पत्र जारी होने के बाद आधार संख्या प्रदान की जा सकेगी। इस आधार कार्ड में जानकारी पांच साल की उम्र के बाद अपडेट करी जाएगी। उसी के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश में शुरू किया गया था और इसे एक सफलता के रूप में देखा गया।
मामले से वाकिफ एक अधिकारी ने कहा, ‘लाभ यह है कि जन्म के समय बच्चों की एक विशिष्ट पहचान होगी, जिससे उन्हें उन लाभों को पाना आसान हो जाएगा जिनके वे प्रीस्कूल स्तर पर हकदार हो सकते हैं। इससे वे कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा, एक बार जब बच्चा पांच साल का हो जाता है तो आधार को फिर से सत्यापित किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई डुप्लीकेशन नहीं है।’
अधिकारी ने कहा कि सरकारी योजनाओं से जुड़े लोगों सहित लगभग आठ करोड़ आधार से संबंधित लेनदेन प्रतिदिन किए जाते हैं। सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार जरूरी है। रिपोर्ट के मुताबिक, जून में एक विवाद तब पैदा हो गया था जब कहा गया कि आधार के बिना बच्चे स्कूलों में गर्म पके भोजन के लिए पोषण योजना के तहत लाभ प्राप्त करने में असमर्थ हो सकते हैं।