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अयोध्या में BJP की हार से आधी हुई कमाई, ई-रिक्शा चलाने वालों को पड़े कमाने के लाले

Ayodhya After Lok Sabha Election Result : 'हम पहले रिक्शा चलाकर 500 से 800 रुपये रोज कमा लेते थे। अब कमाई आधी से ज्यादा गिर गई है।' यह कहना है आयोध्या में ई-रिक्शा चलाकर अपना और परिवार का पेट भरने वाले एक शख्स का। इनके मुताबिक लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद यहां की स्थिति बदल गई है।

Edited By : Rajesh Bharti | Updated: Jun 8, 2024 19:37
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अयोध्या में ई-रिक्शा चालकों की कमाई आधी से कम हुई।

Ayodhya After Lok Sabha Election Result : लोकसभा चुनाव 2024 के रिजल्ट आने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में अयोध्या है। यह शहर फैजाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। यहां से सपा के उम्मीदवार ने बीजेपी के उम्मीदवार को हराकर मैदान मारा है। सपा की जीत के बाद से ही अयोध्या के लोग निशाने पर हैं। बीजेपी की हार के बाद सोशल मीडिया पर आयोध्या के लोगों के बारे में तरह-तरह की बातें लिखी जा रही हैं। वहीं अब एक बात और सामने आई है। वह यह कि यहां बीजेपी की हार का असर लोगों की कमाई पर पड़ा है।

आधी से कम हुई कमाई

रिजल्ट के बाद यहां भगवान राम के दर्शन करने आने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। इसका सीधा असर यहां कमाई करने वाले लोगों की रोजी-रोटी पर पड़ा है। इनकी कमाई पहले के मुकाबले आधे से कम हो गई है। ई-रिक्शा चलाने वाले एक शख्स ने बताया कि वह पहले रोजाना 500 से 800 रुपये कमा लेते थे। लेकिन अब रोजाना की कमाई मुश्किल से 200 से 250 रुपये ही रह गई है। पर्यटकों की संख्या कम होने से यह शहर वीरान सा नजर आ रहा है।

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अयोध्या में ई-रिक्शा चालकों की कमाई आधी से कम हुई।

बीजेपी नेताओं पर लगाया आरोप

ई-रिक्शा चलाने वाले शख्स ने अयोध्या की अनदेखी का आरोप बीजेपी नेताओं पर लगाया है। उस शख्स का कहना है कि सरकार ने अयोध्या की तरफ ध्यान नहीं दिया। इस कारण से यहां की कई सड़कें बंद हो गई हैं और विकास की गति रुक गई है। अगर सरकार की इस शहर से बेरुखी ऐसी ही रही तो दूसरी जगहों पर भी ऐसी ही स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने शहर के विकास पर ध्यान न देने का आरोप बीजेपी के पूर्व सांसद और इस बार भी बीजेपी के उम्मीदवार रहे लल्लू सिंह पर भी लगाया। ई-रिक्शा ड्राइवर ने कहा कि मैं यहां 10 साल से रिक्शा चला रहा हूं। मैंने अयोध्या को बढ़ते और संवरते देखा है। लेकिन बीजेपी सरकार को अब कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिससे इस क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके लिए बीजेपी उम्मीदवार रहे लल्लू सिंह भी जिम्मेदार हैं क्योंकि न ही तो वह हमारे मुद्दों पर ध्यान देते थे और न ही कभी शहर की जनता से मुलाकात की। यहां मंत्रियों का लगातार आना-जाना लगा रहता है। वे आम आदमी से कभी नहीं मिले। वे आते हैं, रैलियां करते हैं और शहर की जनता से बिना मिले चले जाते हैं।

पर्यटकों की संख्या में आई कमी

बिजनेस टुडे में प्रकाशित इस खबर में ई-रिक्शा चलाने वाले के हवाले से बताया गया है कि अब यहां पर्यटकों की संख्या भी काफी कम आ गई है। उन्होंने कहा कि पहले राम मंदिर और हनुमानगढ़ी में काफी संख्या में लोग आते थे। लेकिन अब यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है या कह सकते हैं कि तीर्थयात्रियों ने आना बंद कर दिया है। तीर्थयात्रियों की कम संख्या होने से रिक्शे के कम चक्कर लगते हैं जिसका असर आमदनी पर पड़ रहा है। यह तब है जब राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा बहुत ही धूमधाम से हुई थी।

यह भी पढ़ें : अयोध्या चुनाव हारने पर Shaktimaan ने किया BJP को टारगेट? राम मंदिर की तस्वीर शेयर कर दिया विवादित बयान

सपा उम्मीदवार ने बीजेपी उम्मीदवार को हराया

लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह और सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद के बीच में कड़ा मुकाबला था। जीत सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद को मिली। उन्होंने दो बार के सांसद लल्लू सिंह को 54,567 वोटों से हराया था। इस हार से बीजेपी को काफी नुकसान हुआ क्योंकि वह राम मंदिर के मुद्दे को भुना नहीं पाई। सोशल मीडिया में बीजेपी की हार का ठीकरा यहां की जनता पर फोड़ा जा रहा है। सोशल मीडिया पर अयोध्या के लोगों के लिए तरह-तरह की बातें लिखी जा रही हैं।

यह भी पढ़ें : बीजेपी को नहीं मिला ‘राम’ का आशीर्वाद; अयोध्या में क्यों झेलनी पड़ी हार? 5 पॉइंट्स में समझें पूरा खेल

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Written By

Rajesh Bharti

First published on: Jun 08, 2024 07:37 PM

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