औरंगजेब की कब्र को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। सियासी गलियारों से लेकर आम सड़कों पर भी भीषण संग्राम छिड़ गया है। नागपुर में भड़की हिंसा इसका ताजा उदाहरण है। इसे लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। मसलन औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग क्यों उठ रही है और क्या महाराष्ट्र सरकार के लिए यह संभव है? इस कब्र का इतिहास क्या है और इसे लेकर सियासी संग्राम क्यों छिड़ गया है? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में…
1. औरंगजेब पर क्यों जला महाराष्ट्र?
विक्की कौशल स्टारर फिल्म छावा की रिलीजिंग के बाद से ही औरंगजेब को लेकर पूरे देश में कोहराम मच गया है। फिल्म के क्लाइमैक्स में संभाजी महाराज की कहानी ने सभी को हिलाकर रख दिया है। इसी कड़ी में 2 मार्च को सपा नेता अबू आजमी ने औरंगजेब को महान बताया, तो इसे लेकर महाराष्ट्र में विवाद छिड़ गया। अब हिन्दू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर दी है।
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2. क्या BJP सरकार हटा सकती है कब्र?
बता दें कि 11 दिसंबर 1951 को औरंगजेब की कब्र ASI के द्वारा संरक्षित कर ली गई थी। 1958 में इसे राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची में शामिल कर दिया गया। सेक्शन 19 के अंतर्गत किसी भी संरक्षित इमारत को तोड़ना गैरकानूनी है। 1973 में कब्र को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित की थी। ASI की लिस्ट से हटने के बाद कब्र का अधिकार वक्फ बोर्ड के पास होगा। ऐसे में इसे हटाने के लिए सरकार को साबित करना होगा कि यह वक्फ की संपत्ति नहीं है।
3. औरंगजेब की कब्र का इतिहास क्या है?
मुगल साम्राज्य के छठें सम्राट औरंगजेब की मौत 1707 को हुई थी। महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में मृत्यु के बाद औरंगजेब को छत्रपति संभाजी नगर (खुल्दाबाद) में दफनाया गया था। औरंगजेब ने टोपी सिलकर और कुरान लिखकर कुछ पैसे कमाए थे, उन्हीं पैसों में 14 रुपए 12 आने से औरंगजेब की कब्र बनाई गई थी। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान लॉर्ड कर्जन ने इस कब्र पर संगमरमर की दीवार बनवाई थी।
4. औरंगजेब की कब्र पर क्यों शुरू हुई राजनीति?
बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) गुट औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रही है। वहीं कांग्रेस और NCP (शरद) ने इसका विरोध किया है। महाराष्ट्र के सीएम ने इसका जिम्मेदार अबू आजमी को बताया है, जिसने औरंगजेब का बखान करके सियासी संग्राम को हवा दे दी। वहीं नीतीश राणे का कहना है कि जब हमने बाबरी के समय नहीं सोचा तो अब क्यों सोचेंगे?
5. क्या बाबरी मस्जिद जैसा होगा अंजाम?
कई संगठनों का कहना है कि अगर सरकार ने औरंगजेब की कब्र नहीं हटाई तो उसका हाल भी बाबरी मस्जिद जैसा होगा। श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने कब्र पर बुलडोजर चलाने वाले को 21 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है। हिन्दू संगठनों का कहना है कि जिसको कब्र की जरूरत हो, वो इसे पाकिस्तान ले जाए।
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