गुजरात: मेरी मां चरखे पर सूत काटने का काम करती थी। चरखे पर नए भारत का इतिहास बुना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के अहमदाबाद शहर में साबरमती नदी पर बने ‘अटल ब्रिज’ का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा “अटल ब्रिज साबरमती नदी के दो किनारों को ही आपस में नहीं जोड़ रहा बल्कि ये डिजाइन और इनोवेशन में भी अभूतपूर्व है.”
खादी का एक धागा
आगे अपने संबोधन में उन्होंने कहा “इसकी डिजाइन में गुजरात के मशहूर पतंग महोत्सव का भी ध्यान रखा गया है। साबरमती का ये किनारा आज धन्य हो गया है।” पीएम ने कहा, ‘इतिहास साक्षी है कि खादी का एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया. खादी का वही धागा विकसित भारत के प्रण को पूरा करने का आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है.’
7500 लोगों ने सूत कातकर
पीएम ने कहा आज “आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के 7500 बहनों-बेटियों ने चरखे पर सूत कातकर इतिहास रचा है। आजादी के आंदोलन के समय जिस खादी को गांधी जी ने देश का स्वाभिमान बनाया, उसी खादी को आजादी के बाद हीन भावना से भर दिया गया है। इस वजह से खादी और खादी से जुड़ा ग्रामोद्योग पूरी तरह तबाह हो गया। खादी की ये स्थिति विशेष रूप से गुजरात के लिए बहुत ही पीड़ादायक थी.” बता दें यह ब्रिज करीब 300 मीटर लंबा और बीच में 14 मीटर चौड़ा है। इस ब्रिज को 2600 मीट्रिक टन स्टील पाइप से बनाया गया है।