Assembly Elections Result 2023: राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के बाद आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरु हो गए। किसी का मानना है कि आपसी कलह ने कांग्रेस की हार का कारण है। तो कोई कह रहा है कि समाजवादी पार्टी जैसे पार्टियों को भाव न देना कांग्रेस को भारी पड़ा है। यहां तक मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव परिणाम पर ही सवाल उठा दिए हैं। हालांकि, यहां हम उन 15 वजहों के बारे में बता रहे हैं जिसके कारण कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ा है। साथ ही हम ये भी बता रहे हैं कि कांग्रेस की हार के बाद I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने क्या कहा है?
Assembly Elections Result 2023: कांग्रेस की हार की 15 वजह
- चुनाव में कांग्रेस-सपा आमने-सामने होते रहे।
- चुनाव में घटक दल एक-दूसरे से लड़ते रहे।
- कांग्रेस का सहयोगी दलों से स्टैंड अलग दिखा।
- कांग्रेस छोटे दलों को साथ लेकर नहीं चल पाई।
- एमपी में सपा को 4-5 सीटें दी जा सकती थी।
- कांग्रेस के खिलाफ मैदान में उतरे थे अखिलेश।
- गठबंधन न होने पर 74 सीटों पर SP ने लड़ा।
- भोपाल में ‘INDIA’ का कार्यक्रम कैंसिल हुआ।
- अखिलेश-वखिलेश वाले बयान से ज्यादा नुकसान।
- पटना में नीतीश कुमार ने भी उठाए थे सवाल।
- कांग्रेस की रवैये पर नीतीश ने नाराजगी दिखाई थी।
- राजस्थान में BAP से गठबंधन किया जा सकता था।
- चुनाव के दौरान INDIA गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं।
- DMK नेता का सनातन वाला बयान भी बना था मुद्दा।
- सनातन वाले बयान पर कांग्रेस ने साधी थी चुप्पी।
कांग्रेस की हार पर I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं की प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव, सपा प्रमुख
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस की हार पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ”’इस परिणाम ने अहंकार को खत्म किया है। ऐसे परिणाम आते रहते हैं, लड़ाई लंबी है। जहां से बात शुरू हुई थी, वहीं से फिर होगी। MP में गठबंधन की परिस्थितियां अलग थी। ‘हर घर बेरोजगार, मांगे रोजगार’ से मांगेंगे वोट।”
सपा सांसद एसटी हसन ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। विधानसभा चुनाव के नतीजों पर बोलते हुए सपा सांसद ने कहा, ”मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं का घमंड उन्हें ले डूबा। कमलनाथ कह रहे थे कौन अखिलेश-वखिलेश। हमने उनसे 4 सीटें मांगी थी, वह भी नहीं दीं। आदमी को हमेशा आसमान में नहीं देखना चाहिए।”
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दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सपा और कांग्रेस के बीच अनबन हो गई थी। कांग्रेस ने कहा था कि गठबंधन सिर्फ केंद्र की राजनीति के लिए बनाई गई है। साथ ही कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पहचाने से भी इंकार कर दिया था। अब, इसी बयान को लेकर अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।
उमर अब्दुल्ला, नेता, NC
चुनावों के दौरान जो बातें की थीं, वे खोखली साबित हुईं। कांग्रेस को 3 महीने बाद ‘INDIA’ गठबंधन की याद आई। इसी तरह इंडिया गठबंधन की नींव रखने नीतीश कुमार की पार्टी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है।
जदयू ने भी कांग्रेस पर साधा निशाना
JDU के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, ”चुनाव में कांग्रेस ने कभी सहयोगियों से न सलाह ली, न राय मांगी। प्रचार के दौरान इंडिया की रैली होनी थी, वो भी कैंसिल किया गया।
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मनोज झा, प्रवक्ता, RJD
तीन राज्यों में कांग्रेस की हार पर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी राजद ने प्रतिक्रिया दी है। RJD नेता मनोज झा ने कहा, ”BJP से मुकाबला करने के लिए सामूहिकता जरूरी थी। अहंकार का मुकाबला अहंकार से नहीं किया जा सकता”
कुणाल घोष, प्रवक्ता, TMC
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे BJP की जीत से ज्यादा कांग्रेस की विफलता को दर्शाते हैं। ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनाया जाना चाहिए। टीएमसी ही ऐसी पार्टी है जो भाजपा को पराजित कर सकती है।