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बिहार चुनाव के लिए क्या है NDA का प्लान? अमित शाह दो दिवसीय दौरे में NDA की जीत का देंगे मंत्र

लोकसभा चुनाव के बाद गृहमंत्री अमित शाह पहली बार 29 मार्च को दो दिवसीय दौरे पर बिहार जा रहे हैं। 29-30 मार्च को दो दिवसीय दौरे के दौरान शाह कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वे 30 मार्च को गोपालगंज में रैली को भी संबोधित करेंगे। इसे एनडीए की ओर से बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद माना जा रहा है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 28, 2025 18:19
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह। (फाइल फोटो)

ऋषिकेश कुमार, नई दिल्ली।

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी तैयारी में पहले से ही जुट गई हैं। राज्य में एनडीए और महागठबंधन के बीच सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सभी दल मतदाताओं को अपनी ओर लामबंद करने में लगे हुए हैं। इसी बीच खबर आई है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर बिहार जा रहे हैं। अमित शाह का यह दौरा राजनीतिक कारणों से एनडीए के लिए काफी महत्वपूर्व माना जा रहा है। अपने दौरे के दौरान अमित शाह 30 मार्च को गोपालगंज में एक रैली को भी संबोधित करेंगे। शाह की इस रैली को एनडीए की ओर से बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद माना जा रहा है।

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अमित शाह के दो दिवसीय दौरे में क्या होगा खास?

केंद्रीय गृह मंत्री और एनडीए के प्रमुख चुनावी रणनीतिकार अमित शाह का 29-30 मार्च को दो दिवसीय बिहार दौरा है। 29 मार्च यानी शनिवार की शाम 7 बजे बीजेपी की एक बड़ी बैठक बिहार की राजधानी पटना के बीजेपी मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी की क्या तैयारी है? इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गृह मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के लिए सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को नियत समय से दो घंटे पहले ही पहुंचने का निर्देश दिया गया है। बैठक में सभी विधायक, विधानपरिषद सदस्य, प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री समेत सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।

बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा

बैठक में सिर्फ बिहार में चुनावी जीत पर चर्चा होगी । बिहार में कौन-कौन सा क्षेत्र कमजोर है? किन इलाकों में पिछली बार चिराग पासवान की पार्टी ने ज्यादा नुकसान पहुंचाया और उसकी भरपाई इस चुनाव में कैसे हो? प्रशांत किशोर की पार्टी की जमीनी हकीकत क्या है? चुनाव जीतने के लिए बिहार को केंद्र की कौन-कौन सी योजनाओं की जरूरत है? विपक्ष की तरफ से की जा रहीं चुनावी घोषणाओं की जमीनी हकीकत क्या है? और उसके काट के तौर पर एनडीए को क्या करना चाहिए? इन सभी मुद्दों पर बैठक में विस्तार से चर्चा होने की संभावना है।

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सीएम आवास पर होगी एनडीए नेताओं की बैठक

बीते लोकसभा चुनाव में कई सारे जीते और हारे बीजेपी और एनडीए सांसदों ने अपने स्थानीय विधायकों पर सहयोग ना करने का आरोप लगाया था, उन सांसदों की राय भी होने वाली  बैठक में काफी महत्वपूर्ण होगी । देर रात तक चलने वाली इस बैठक के बाद दूसरी महत्वपूर्ण बैठक रविवार यानी 30 मार्च की शाम 3 बजे सीएम आवास पर होगी। इस बैठक में एनडीए के सभी नेता मौजूद रहेंगे। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ नीतीश कुमार और जेडीयू के वरिष्ठ नेता के साथ-साथ चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा भी मौजूद रहेंगे।

सीटों के बंटवारे पर भी होगी चर्चा

बैठक में सीटों के बंटवारे का मुद्दा और चुनावी कैंपेन का स्वरूप सबसे महत्वपूर्ण है। बीते विधानसभा चुनाव 2020 में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से राजनीतिक कारणों की वजह से एकला चलो की राह पर चलते हुए अकेले 134 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उपेन्द्र कुशवाहा भी इस बार बिहार एनडीए के नए सहयोगी हैं। पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उपेन्द्र कुशवाहा ने एनडीए से नाता तोड़ कर तेजस्वी यादव की आरजेडी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। इसलिए चिराग पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा को सीटों की वाजिब हिस्सेदारी देना एनडीए के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

पिछली बार एनडीए में सीटों का क्या था गणित?

बिहार विधानसभा के बीते 2020 के चुनाव में 243 सीटों में से जेडीयू ने 115 सीट, बीजेपी-110, जीतन राम मांझी की हम ने 07 और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार मुकेश सहनी एनडीए से बाहर हैं और महागठबंधन में जोर-आजमाइश कर रहे हैं। लिहाजा सीएम आवास में 30 मार्च को होने वाली एनडीए की बैठक काफी अहम मानी जा रही है । किंतु-परंतु की कोई गुंजाइश ना रहे इसलिए फ्रंट फुट पर खुद गृह मंत्री अमित शाह और सीएम नीतीश कुमार बैठक में मौजूद रहेंगे।

First published on: Mar 28, 2025 05:43 PM

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