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Arvind Kejriwal की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में फंसा पेंच, CBI को फटकार लगाने पर क्यों उठ रहे सवाल?

Arvind Kejriwal Bail News Update: बीते दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। इसके साथ की सर्वोच्च न्यायालय ने CBI को भी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने CBI की गिरफ्तारी को बदनीयती करार दिया। आखिर क्यों?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Sep 14, 2024 14:47
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Arvind Kejriwal Bail Plea in Supreme Court
CM Arvind Kejriwal

Arvind Kejriwal Bail News Update: (प्रभाकर मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने बीते दिन रिहा कर दिया। सीएम केजरीवाल की जमानत पर मुहर लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस गिरफ्तारी के पीछे बदनीयती थी। सवाल यह है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने माना कि CBI मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी बदनीयती से की गई तो गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज क्यों हुई?

2 जज, 1 राय और बेमेल फैसला

CBI मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को एक जज ने सही ठहराया, दूसरे ने गिरफ्तारी को अनुचित कहा और दोनों ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के सामने दो याचिकाएं थीं। एक में जमानत की मांग थी और दूसरी में सीबीआई मामले में गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। दोनों जजों ने दो अलग अलग फैसले लिखे थे। केजरीवाल की जमानत के मामले में दोनों की राय एक थी कि उन्हें जमानत मिलनी चाहिए लेकीन गिरफ्तारी वाले मामले में दोनों की राय अलग थी। जस्टिस सूर्यकांत ने गिरफ्तारी को सही ठहराया है जबकि जस्टिस उज्जल भुइयां ने इसकी टाइमिंग और जरुरत पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

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सुप्रीम कोर्ट की CBI को चेतावनी

जस्टिस उज्जल भुइयां के फैसले को पढ़ेंगे तो उसमें साफ साफ लिखा है कि CBI मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी मनमाने ढंग से की गई थी। जस्टिस भुइयां ने लिखा है कि जब केजरीवाल ईडी केस में जमानत पाकर जेल से निकलने वाले थे, तो CBI ने बदनीयती से केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। जस्टिस भुइयां ने CBI पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा है कि CBI को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे CBI की दुबारा से पिंजरे का तोता वाली छवि बने। आपको याद होगा कि कोयला घोटाला में इसी सुप्रीम कोर्ट ने CBI को पिंजरे का तोता कहा था।

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जमानत पर उठे सवाल

CBI द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तार के बारे में इतना कुछ लिखने के बाद आखिर में जस्टिस भुइयां ने भी जस्टिस सूर्यकांत के साथ मिलकर CBI मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। अब सवाल यह है कि जब जस्टिस भुइयां ने गिरफ्तारी को गलत ठहराया है तो याचिका खारिज क्यों कर दी? उन्होंने जब अपना फैसला अलग लिखा तो खारिज करने वाले फैसले पर साथ साथ दस्तखत करने की क्या जरूरत थी? अगर उन्होंने गिरफ्तार को गलत ठहराया था तो केजरीवाल की याचिका को खारिज नहीं करना था। ऐसे में दोनों जजों में असहमति होती और मामला बड़ी बेंच को जाता। सुप्रीम कोर्ट की कई बातें समझ में नहीं आतीं। जस्टिस भुइयां की ये बात भी कुछ समझ में नहीं आई, क्योंकि सीबीआई गलत थी, गिरफ्तार गलत थी तो याचिका खारिज क्यों हुई? ये सवाल अब भी कायम है।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Sep 14, 2024 02:47 PM

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