Akbaruddin Owaisi Protem Speaker Controversy: तेलंगाना को रेवंत रेड्डी के रूप में अपना नया मुख्यमंत्री मिल चुका है। इस बीच राज्य में अकबरुद्दीन ओवैसी के प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर विवाद छिड़ा हुआ है। भाजपा ने विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में अकबरुद्दीन औवेसी की नियुक्ति को लेकर तेलंगाना में नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया है, वहीं कांग्रेस ने कहा कि भाजपा को ओवैसी की नियुक्ति के बारे में राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन से पूछना चाहिए क्योंकि यह आदेश उनकी तरफ से आया है।
पुराना विवाद फिर से चर्चा में
इसके साथ ही तेलंगाना में बी-टीम के आरोप-प्रत्यारोप एक बार फिर सामने आ गए। बीजेपी ने कहा कि एआईएमआईएम कांग्रेस की बी टीम है, वहीं कांग्रेस ने भी एआईएमआईएम को बीजेपी की बी-टीम बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, बीजेपी विधायक भ्रम पैदा कर रहे हैं। अकबरुद्दीन औवेसी को प्रोटेम स्पीकर बनाने का फैसला तेलंगाना के राज्यपाल का है। हमने हमेशा जो कहा था वह आखिरकार साबित हो गया है। एआईएमआईएम बीजेपी की बी टीम है।
तेलंगाना में जो भाजपा विधायक स्वाँग रच रहे हैं और जो उनकी पार्टी भ्रम फैला रही है, उसका सच पढ़ लीजिए
---विज्ञापन---▪️क्योंकि जो हम हमेशा से कहते थे आख़िर वो सिद्ध हो ही गया. AIMIM ही भाजपा की B टीम है
▪️अकबरुद्दीन ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाने का फ़ैसला तेलंगाना की राज्यपाल का है
▪️अगर… pic.twitter.com/cwvy0aPvPG
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) December 9, 2023
कौन होता है प्रोटेम स्पीकर ?
बता दें कि प्रोटेम स्पीकर एक अस्थायी अध्यक्ष होता है, जिसे सदन की कार्यवाही संचालित करने के लिए सीमित समय के लिए नियुक्त किया जाता है, जब अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता है। सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। तेलंगाना में नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया। भाजपा विधायकों ने कहा कि अन्य वरिष्ठ विधायक प्रोटेम स्पीकर हो सकते थे, लेकिन कांग्रेस और एआईएमआईएम के बीच एक मौन सहमति के कारण अकबरुद्दीन को इस पद पर नियुक्त किया गया।