Adhir Ranjan Chaudhary Praised Atal ji: सोमवार को संसद के विशेष के पहले दिन का आयोजन हुआ। सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण से की। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन को संबोधित किया। अब बारी आई सदन में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी की। उन्होंने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह का जिक्र किया। जिक्र के साथ-साथ उन्होंने अटल जी की तारीफ भी की।
इंडिया, भारत का मुद्दा कहा से आया
सदन में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज चंद्रयान की लॉन्चिंग और लैंडिंग को लेकर चर्चा चल रही है। मैं कहना चाहता हूं कि साल 1946 में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में परमाणु अनुसंधान समिति का गठन किया गया था। उस स्थापना के बाद हम आगे बढ़े और साल 1964 में इसरो का विकास किया। इस बात को लेकर उन्होंने भाजपा की सरकार पर निशाना साधा। कहा कि आज हम इसरो को क्या कहेंगे? भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन नहीं तो क्या कहेंगे? इसके बाद उन्होंने कहा कि ये भारत, इंडिया का मुद्दा कहां से उठ गया है? इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि अकाल के समय में नेहरू जी ने देश को संभाला था।
#WATCH | Special Session of the Parliament | Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury says "There were discussions going on about Chandrayaan, I want to say that in 1946, under the leadership of Jawaharlal Nehru, the Atomic Research Committee was formed. From there, we moved forward… pic.twitter.com/YmiwuBNJuV
— ANI (@ANI) September 18, 2023
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अटल जी ने ख्वाब पूरा किया
अपने भाषण में अधीर रंजन ने जवाहर लाल नेहरू के साथ मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नेहरू जी को आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है। इंदिरा जी ने साल 1974 में परमाणु परीक्षण किया। विदेशी ताकतों ने भारत को विरोध करना शुरू कर दिया, लेकिन उनके बाद भी अटल बिहारी वाजपेयी रुके नहीं। उन्होंने नरसिम्हा राव के ख्वाब को साकार किया।
कम बोलते थे, काम ज्यादा करते थे
नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी बोले कि मनमोहन सिंह जी के बारे में कहा जाता है कि वो मौन रहते थे। इस पर उन्होंने कहा कि वे कम बोलते थे, लेकिन काम सबसे ज्यादा करते थे। अपने भाषण में अधीर रंजन ने कश्मीर और मणिपुर के हालातों का भी जिक्र किया। बोले कि आज दोनों राज्य हिंसा की आग में जल रहे हैं। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज का माहौल ये हो गया है कि जो पार्टी बहुमत में है वो कुछ भी करेगी और कहेगी। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि आज वन पार्टी डिक्टेटरशिप है।
पांच दिन का है विशेष सत्र
बता दें कि आज यानी 18 सितंबर से संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में कामकाज की सूचनाएं दे दी गई हैं, लेकिन विपक्षी दलों की ओर से दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार कुछ विशेष ला सकती है।