Type-2 diabetes: टाइप-2 डायबिटीज होने की वजह हमारी खराब जीवनशैली है। अगर शरीर में हाई ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल नहीं किया जाता है तो हानिकारक होता है। एक्सपर्ट के अनुसार, यह हार्ट डिजीज, दिल का दौरा, अंधापन का कारण भी बन सकता है और कुछ मामलों में अंगों को अलग करने की जरूरत पड़ सकती है। एक स्टडी के अनुसार, 30 साल की उम्र से पहले टाइप-2 डायबिटीज का निदान होने पर जल्दी मौत का खतरा रहता है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर के अनुसार, 30 की उम्र से पहले टाइप-2 डायबिटीज का डायग्नोसिस होने पर जीने की दर 14 साल तक कम हो सकती है और ज्यादातर युवाओं में आम होती जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों को डायबिटीज होने का खतरा है, उन्हें खासकर लक्षणों को पहचानकर जांच करवानी चाहिए। ज्यादातर बड़े बुजुर्गों में डायबिटीज देखी जाती थी। हालांकि, अब युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं।
टाइप 2 डाइबिटीज क्या होती है?
टाइप-2 डायबिटीज का सबसे आम रूप है, जो शरीर में इंसुलिन के उत्पादन से होता है। इसका नतीजा, कैंसर, दिल का दौरा, किडनी की परेशानी या स्ट्रोक जैसे कॉम्प्लिकेशन होते हैं। रिसर्च से यह भी पता चला है कि इस कंडीशन में रहने वाले लोगों की तुलना में छह साल पहले मरने की ज्यादा संभावना है।
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द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में छपी स्टडी में पाया गया कि डायग्नोसिस किए जाने की उम्र के अनुसार, सभी एज ग्रुप में अनुमान लगाया गया कि जितनी जल्दी किसी मरीज का डायग्नोसिस किया जाता है, उतना ही बेहतर होता है। जो 50 साल के लोगों में मौत 14 साल पहले होने की ज्यादा संभावना ज्यादा थी। लेकिन उन्हें 30 की उम्र में डायग्नोसिस किया गया था,जबकि किसी ऐसे लोगों की तुलना में जिन्हें शुगर नहीं था।
टाइप-2 मधुमेह के लक्षण
- भूख का बढ़ना
- धुंधलापन
- अधिक प्यास लगना
- रात को पेशाब करना
- बार-बार संक्रमण होना
- पैर के छाले या इंफेक्शन जो सही नहीं होते
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।