Health Tips: तनाव हाइपोथायरायडिज्म, हाइपरथायरायडिज्म, हाशिमोटो के थायरॉयडिटिस और ग्रेव्स रोग सहित कई तरह के थायराइड को बढ़ावा देता है। थायराइड ग्रंथि एंडोक्राइन सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एड्रेनल में सेंसिटिव बदलाव होता है, जो तनाव के दौरान एक्टिव हो जाता है। क्रोनिक तनाव इम्यून मॉड्यूलेशन, हार्मोनल अनबैलेंस और सूजन के कारण थायराइड को प्रभावित कर सकता है। इसलिए तनाव को कंट्रोल करना बहुत जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं इसे लेकर हेल्थ एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के यूनिट हेड – इंटरनल मेडिसिन के डॉ. सतीश कौल ने बताया कि थायराइड के दौरान तनाव को कम करने से इस बीमारी से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। तनाव लंबे समय तक HPA को प्रभावित कर सकता है। जिसके कारण कोर्टिसोल के लेवल में समस्या पैदा हो जाती है। ये थायरोक्सिन (T4) के ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) की प्रक्रिया को रोकता है और और थायराइड वाले हार्मोन को एक्टिव करता है, जिसके कारण आपके शरीर में थायराइड की समस्या और भी बढ़ सकती है।
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तनाव को कैसे करें कंट्रोल
माइंडफुलनेस- लगातार माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस करने से स्ट्रेस और डिप्रेशन काम होता है, जो अक्सर थायराइड को बढ़ाते हैं। माइंडफुलनेस से आपका दिमाग भी फ्री फील करता है।
योग और एक्सरसाइज- हल्के योगासन खास करके गर्दन से जुड़े थायराइड को कम करने में मदद करते हैं। ये थाइरोइड फंक्शन को बैलेंस बनाने में मदद करते हैं। एक्सरसाइज करने से शरीर में मेटाबॉलिज्म कम होता है और इससे आप अपने वजन को कंट्रोल में रख सकते हैं।
सीबीटी थेरेपी- सीबीटी थेरेपी तनाव के पैटर्न में सुधार लाता है, जिससे आप तनाव फ्री शरीर पा सकते हैं।
डाइट में बदलाव करें- डाइट में बदलाव कर आप अपने दिमाग को हेल्दी रख सकते हैं, इससे तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। फल और सब्जियां खाएं, कैफीन से दूर रहे। इससे आप अपने थायराइड को भी काम कर सकते हैं।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।