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जापानी बुखार आम या वायरल फीवर से अलग कैसे? जानें शुरुआती संकेत और बचाव

Japanese Encephalitis: दिल्ली में जापानी बुखार का पहला मरीज मिला है। शख्स में इस बीमारी के लक्षणों की पुष्टि की गई थी। आइए जानते हैं इस बीमारी के शुरुआती संकेत और बचाव।

Japanese encephalitis
Japanese Encephalitis: दिल्ली में जापानी इंसेफेलाइटिस बीमारी का पहला केस सामने आया है, जिसके बाद MCD ने हेल्थ डिपार्टमेंट को अलर्ट किया है। अधिकारियों को इस बीमारी को काबू करने के लिए कहा गया है। यह मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है, जो काफी गंभीर है। यह नई आपात स्थिति दिल्लीवासियों के लिए चिंता का विषय बन गई है। यह एक वायरल बुखार है, जो मच्छरों के काटने से फैलता है। खासकर उन मच्छरों के काटने से जो क्यूलेक्स (Culex) प्रजाति से संबंधित होते हैं। इस बुखार में ब्रेन के अंदर सूजन (एन्सेफलाइटिस) हो जाती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

सामान्य बुखार से अलग कैसे?

जापानी बुखार के लक्षण सामान्य बुखार से ज्यादा आक्रामक और गंभीर होते हैं। इस फीवर में लक्षण लंबे समय तक रहते हैं, जबकि सामान्य बुखार के लक्षण कुछ समय बाद गायब हो जाते हैं। जापानी बुखार में मस्तिष्क में सूजन हो जाती है, जो कॉमन फीवर में नहीं होता है। इस बुखार में दौरे पड़ना, कोमा और मृत्यु भी हो सकती है, जबकि सामान्य बुखार में ऐसी स्थितियां नहीं पैदा होती हैं। ये भी पढ़ें- क्या पेशाब करते समय होती है ये परेशानी?

जापानी बुखार के शुरुआती संकेत

1. बुखार- इस वायरल बुखार में फीवर अचानक से तेज बुखार का रूप ले सकता है। मरीज को बुखार के साथ सिरदर्द भी महसूस हो सकता है। 2. उल्टी- संक्रमित मरीज को उल्टी, चक्कर आना और फिर मेंटल स्टेट में किसी प्रकार के बदलाव महसूस हो सकते हैं। [caption id="attachment_974188" align="alignnone" ] photo credit- freepik[/caption] 3. सांस लेने में कठिनाई- कुछ मरीजों को सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ तेज-तेज सांस लेने की समस्या भी हो सकती है। 4. स्किन का नीला पड़ना- संक्रमित व्यक्ति की स्किन का रंग नीला पड़ सकता है। 5. नर्वस सिस्टम में परेशानी- कुछ मरीजों के मामले गंभीर होने पर दौरे, बेहोशी, और एटैक्सिया जैसी गंभीर परेशानियां भी हो सकती हैं।

बचाव के उपाय

  • रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • मच्छरों के काटने से बचने के लिए आप मॉस्किटो रिपेलेंट का यूज कर सकते हैं।
  • घर या उसके आस-पास कहीं भी पानी को जमा न होने दें, क्योंकि मच्छरों के पैदा होने का एक मुख्य कारण पानी भी हो सकता है।
  • इस बीमारी से बचाव के लिए अब टीका भी उपलब्ध है, जो संक्रमित इलाकों में रहते हैं, उन्हें इन वैक्सीन का सहारा लेना चाहिए।
  • मच्छर के काटने से बचने के लिए हल्के रंग के कपड़े पहनें।

डॉक्टर से कब मिलें?

अगर आपको बुखार, सिरदर्द, या इस बुखार से संबंधित कोई अन्य संकेत महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये भी पढें-  Shower से नहाना बन सकता है लकवा से ब्रेन हेमरेज का कारण!  Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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