आज के समय में कैंसर एक आम बीमारी बन गई है। इसका प्रकोप सिर्फ 60-70 साल की उम्र के लोगों तक सीमित नहीं है। हेल्थ एक्सपर्ट्स यह मानते हैं कि कैंसर अब बच्चों से लेकर युवाओं तक, हर किसी को प्रभावित कर सकता है। कोलकाता में अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉक्टर वीके अग्रवाल एक प्रमुख कैंसर सर्जन हैं, उन्होंने इस बारे में गंभीर चेतावनी दी है। वे कहते हैं कि यह बीमारी अब साइलेंट महामारी बन चुकी है। दरअसल, एक हेल्थ रिपोर्ट का दावा है कि भारत में भी कैंसर तेजी से एक्टिव है। यहां हर घर में आने वाले समय में कैंसर होगा क्योंकि देश के लोगों की लाइफस्टाइल पहले से बहुत ज्यादा बदली है। लाइफस्टाइल के ये बदलाव सकारात्मक नहीं बल्कि सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो रहे हैं। चलिए जानते हैं आखिर क्यों 25 साल की उम्र में कैंसर हो सकता है? क्या हमारी आदतें और जीवनशैली इस महामारी को बढ़ावा दे रही हैं?
कैंसर की बढ़ती दर और इसके कारण
कैंसर के मामलों में हाल के कुछ वर्षों में काफी इजाफा देखने को मिला है। 2007 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट बताती है कि 2020 तक भारत में हर घर में कैंसर होगा। यह डरावनी बात सुनकर कोई भी चौंक सकता है, लेकिन सच्चाई यह है कि कैंसर अब एक सामान्य बीमारी बन गई है। डॉक्टर विकास ने इसे साइलेंट महामारी कहा क्योंकि अब यह बीमारी लोगों के नॉर्मल लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुकी है।
क्या कारण है कि कैंसर इतने तेजी से बढ़ रहा है?
इस सवाल का जवाब हमारी बदली हुई लाइफस्टाइल और खराब खानपान में छुपा हुआ है। एक ओर जहां हम नई-नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हम इन्हीं आदतों में कई हानिकारक तत्वों को भी शामिल कर रहे हैं। डॉक्टर विकास के अनुसार, हमारी सुबह की आदतें, जैसे केमिकल वाले टूथपेस्ट का इस्तेमाल, केमिकल युक्त उत्पादों का सेवन, मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन और अन्य पर्यावरणीय कारण कैंसर की बढ़ती दर में अपना योगदान दे रहे हैं।
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बर्थ कंट्रोल पिल्स भी कैंसर का कारण!
कई महिलाएं बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल बहुत ज्यादा करती हैं, लेकिन क्या यह कैंसर का कारण बन सकती हैं? डॉक्टर का कहना है कि बर्थ कंट्रोल पिल्स के लंबे समय तक सेवन से कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, इस पर अभी भी रिसर्च और शोध होने बाकी है और इसके संबंध में और अध्ययन की आवश्यकता है। मगर अबतक के विश्लेषण में बर्थ कंट्रोल पिल्स का अधिक सेवन महिलाओं की सेहत के लिए खराब ही बताया गया है।
कैंसर के 3 संकेत बिल्कुल न करें इग्नोर
1. वॉशरूम हैबिट
इसे बोवेल चेंज कहते हैं, अगर आप पहले सुबह फ्रेश होते थे और पूरे दिन कोई प्रॉब्लम नहीं महसूस कर रहे हैं, तो आप फिट हैं। अगर आप अपनी मल त्याग करने की आदतों में कुछ बदलाव देखते हैं यानी सुबह 1 बार फ्रेश होने के बाद भी बार-बार फ्रेश होना सही नहीं है। अगर फिर भी फ्रेश नहीं हो पा रहे हैं और पेट में गड़बड़ी हो रही है, तो यह रेक्टल कैंसर का साइन है।
2. पेनलेस ब्लीडिंग
अगर आपको अपने मल में ब्लीडिंग नजर आ रही है और बिना दर्द के ब्लीडिंग हो रही है, तो इसे गंभीरता से लें। यह बिल्कुल भी सही संकेत नहीं है। डॉक्टर कहते हैं कि हो सकता है यह कैंसर न हो लेकिन जांच करवाना जरूरी है। खासतौर पर 40 की उम्र के बाद बिल्कुल भी इसे अनदेखा न करें। कई बार पाइल्स में भी ऐसा होता है।
3. घाव न सूखना
डॉक्टर बताते हैं कि अगर कोई घाव जैसे शेविंग करते समय लगा कोई कट कुछ दिनों में ठीक नहीं हो रहा है, तो यह शरीर के अंदर कैंसर पनपने का लक्षण होता है। ध्यान रखें, 3 हफ्तों तक घाव का सही न होना फिर चाहे वह मुंह, पेट या कहीं भी हो, उसे नजरअंदाज बिल्कुल न करें। हो सकता है यह अल्सर ही हो मगर कैंसर होने की संभावना भी रहती है।
कैंसर के खतरे से बचने के उपाय
ब्रश करने के लिए नेचुरल तरीके अपनाएं- जैसे नीम के पत्ते, बबूल के दातून, और आयुर्वेदिक उत्पाद। दरअसल, कई केमिकल युक्त टूथपेस्ट में सोडियम लौरल सल्फेट (SLS) जैसे हानिकारक तत्व होते हैं, जो शरीर में प्रवेश करके कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
मोबाइल रेडिएशन से बचें- मोबाइल फोन का अधिक प्रयोग भी कैंसर के कारणों में से एक हो सकता है। यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर तब जब यह आपके शरीर से बहुत करीब रहता हो।
डॉक्टर की सलाह
वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर वीके अग्रवाल (विकास कुमार अग्रवाल) का कहना है, कि कैंसर को समझना और इसके बारे में जागरूकता फैलाना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी दिनचर्या को बदलने की आवश्यकता है ताकि हम कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकें। यदि हम आज से ही सही कदम उठाएं, तो अपने भविष्य को कैंसर जैसी आत्मघाती बीमारी से सुरक्षित रख सकते हैं।
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वे कहते हैं कैंसर एक गंभीर समस्या है, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। 25 साल की उम्र में कैंसर होना, जिस पर पहले सिर्फ 60-70 साल के लोग ध्यान देते थे, अब एक वास्तविकता है। इसलिए जागरूकता और सही जीवनशैली अत्यंत आवश्यक है। जांच करवाना जरूरी है। टेस्ट न करवाने से मन में इन सवालों को रखना कि क्या हुआ है, उससे बेहतर है कि बायोप्सी करवाएं और कैंसर न होने की पुष्टि कर दें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।