नोएडाः उत्तर प्रदेश के नोएडा में सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को कुछ ही घंटों बाद गिरा दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। इलाके को पूरे तरह से सील कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रविवार यानी आज दोपहर में 2.30 बजे दोनों टावर जमींदोज होने वाले हैं। आपको बता दें कि इन दोनों टावरों के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप है, जिसके बाद सुप्रीमो कोर्ट ने इन्हें गिराने का आदेश जारी किया।
30 मंजिला हैं दोनों टावर, निर्माण पर लगी थी रोक
सुपरटेक कंपनी की ओर से नोएडा के सेक्टर 93ए में सियान और एपेक्स (ट्विन टावर) का निर्माण कराया था। 30 मंजिला दोनों इमारतों के निर्माण में कंपनी और नोएडा प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगा था। इसके निर्माण पर रोक लगा दी गई। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई। अंत में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों टावरों को गिराने का फैसला सुनाया। वहीं वायर्स (खरीदारों) को वापसी भुगतान का भी आदेश दिया। जानकारी के मुताबिक कुछ वायर्स को बदले में अन्य स्थानों पर घर दिए गए, जबकि कुछ को पैसे वापस किए गए।
35 सौ किलो विस्फोटक लगाया है दोनों टावरों में
प्राधिकरण और अन्य संबंधित विभागों की ओर से ट्विन टावर को गिराने की जिम्मेदारी एडिफिस कंपनी को दी गई है। इस प्रोजेक्ट के मैनेजर मयूर मेहता हैं, जिनकी निगरानी में पूरा काम हो रहा है। कंपनी ने पिछले दिनों टावर में विस्फोटक लगाने का काम किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों टावरों में कुल 35 सौ किलो विस्फोटक लगाया गया है। यह विस्फोटक हरियाणा के पलवल से लाया गया था। ध्वस्तीकरण के काम से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक टावरों के बेसमेंट से विस्फोट शुरू होगा।
आसपास की सोसायटी खाली कराईं, ध्वस्तीकरण के बाद वापस आएंगे सभी
वहीं आसपास के करीब 700 मीटर के दायरे में अन्य सोसायटी एमरॉल्ड कोर्ट और एटीएस समेत अन्य में रहने वाले करीब पांच हजार लोगों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। साथ ही आसपास के करीब 1200 वाहनों को भी हटाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक ध्वस्तीकरण के बाद डस्ट हट जाने पर लोगों को वापस उनकी सोसायटी में आने की अनुमति दी जाएगी। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट्स के मुताबित पिछले दिनों ट्विन टावर और उसके आसपास रहने वाले लावारिस कुत्तों को भी पकड़ कर शेल्टर होम में भेजा गया था। साथ ही टावरों में विस्फोटक काम शुरू होने के बाद से ही क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया था।