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आसमान में रहस्यमयी रोशनी के पीछे Starlink Satellites, जानें क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली: यूपी की राजधानी लखनऊ और लखीमपुर खीरी में आसमान में रहस्यमयी रोशनी दिखाई दी है। इसे देखकर सब हैरान हैं। कोई इसे ट्रेन तो कोई एलियंस की एंट्री तक बता रहा हैं। लेकिन यह इनमें से कोई नहीं। सितारों की कतारों जैसी दिखने वाली यह चीज दरअसल दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति एलन मस्क […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Sep 14, 2022 12:18
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starlink elon mask

नई दिल्ली: यूपी की राजधानी लखनऊ और लखीमपुर खीरी में आसमान में रहस्यमयी रोशनी दिखाई दी है। इसे देखकर सब हैरान हैं। कोई इसे ट्रेन तो कोई एलियंस की एंट्री तक बता रहा हैं। लेकिन यह इनमें से कोई नहीं। सितारों की कतारों जैसी दिखने वाली यह चीज दरअसल दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी का सैटेलाइट है। वैज्ञानिकों की मानें तो यह आगे भी देश में कई जगह दिख सकता है।

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वायरल वीडियो जिसमें सितारों की कतारें दिख रहीं हैं वह 12 सितंबर की रात की हैं। इस वीडियो में आसमान में एक लाइन से बत्तियां जलती दिखाई दे रही थीं। कई लोगों ने इसकी फूटेज कैप्चर की है। धड़ल्ले से यह इंटरनेट पर वायरल भी हो रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक आसमान में चमकीली कतारों की तरह दिखने वाली यह चीज अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्‍क की कंपनी टेस्ला और स्पेसएक्स की ओर से छोड़े गए छोटे-छोटे 53 उपग्रहों यानी कि सैटेलाइट्स की चेन है।

ऐसे समझे स्टारलिंक सैटेलाइट

इन्हें स्‍टारलिंक सैटेलाइट कहा जाता है। जो धरती की लो ऑर्बिट में चक्‍कर लगाती हैं। ये धरती से सिर्फ 550 किलोमीटर की दूरी पर हैं, इसलिए ही ये हमें दिखाई दे रही हैं और हमें आसमान में उड़ती ट्रेन की तरह लग रही हैं। दरअसल एलन मस्क इन सैटेलाइट्स को हर दूसरे महीने अपने फॉल्कन-9 रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजते हैं। दो स्टेज वाले इस पूरे प्रोग्राम के दूसरे चरण में रॉकेट स्टारलिंक सैटेलाइट्स को धरती की निचली कक्षा यानी कि लोअर ऑर्बिट में स्थापित करता है। धरती की जिन जगहों पर इंटरनेट की सुविधा अच्छी नहीं है। वहां पर सुविधा बेहतर तरीके से पहुंचाने के लिए ये सैटेलाइटस इस्तेमाल किए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की आकृतियां भारत में अभी और भी देखने को मिलेंगी।

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यह भी जानें
स्टार लिंक सैटेलाइट के एक बड़े नेटवर्क की मदद से इंटरनेट सेवा देता है। इससे दूर-दराज़ के इलाकों को तेज इंटरनेट से जोड़ जाता है। सैटलाइट इंटरनेट मतलब आसमान में किसी बड़े से गुब्बारे से या किसी बहुत बड़े टावर से एक बड़े एरिया को इंटरनेट प्रदान करना। इससे सुदूर गांवों में इंटरनेट आसानी से पहुंच सकेगा। यहां यह भी बता दें कि मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने इंडिया में इसी सर्विस के लिए बुकिंग भी ले ली थी। लेकिन परमिशन नहीं मिलने के कारण प्लान पर फिलहाल ब्रेक लग गया है।

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First published on: Sep 13, 2022 10:14 PM
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