Justice Victoria Gowri Case : जस्टिस चंद्रा विक्टोरिया को जज बनाने के खिलाफ लगाई गई याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। याचिका में गौरी को भाजपा के महिला मोर्चा की महासचिव बताया गया है साथ ही कहा गया कि जज की शपथ लेने वाले व्यक्ति की संविधान में पूरी आास्था होनी चाहिए।
सीजेआई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पहले भी सुप्रीम कोर्ट में पाॅलिटिकल बैकग्राउंड वाले लोग जज बने हैं। इसके बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि जज बनने से पहले मैं भी राजनीतिक पृष्ठभूमि का था। मैं 20 साल से न्यायाधीश हूं और कभी भी मेरा पाॅलिटिकल बैकग्राउंड मेरे काम के आड़े नहीं आया।
वकील बोले-गौरी ने दिये थे विवादित बयान
गौरी की नियुक्ति के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट 22 वकीलों के ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि गौरी भाजपा नेता हैं। वकीलों ने यह भी आरोप लगाए कि विक्टोरिया गौरी ने इस्लाम को हरा आतंक और ईसाईयों को सफेद आतंक जैसे बयान दिये थे।
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वकीलों ने राष्ट्रपति को लिखा था पत्र
पहले सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने 10 फरवरी को मामले पर सुनवाई करने की बात कही थी, लेकिन एडवोकेट राजू के अनुरोध पर कोर्ट मंगलवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गया। वकीलों ने कॉलेजियम और राष्ट्रपति को भी इस संबंध में पत्र लिखा है।
एडवोकेट लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को सोमवार 6 जनवरी को मद्रास हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जैसे ही राष्ट्रपति के पास गौरी के नाम की सिफारिश भेजी, मद्रास हाईकोर्ट के वकीलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
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