Bhagat Singh Bridge: 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के जवानों ने जम्मू-कश्मीर के दन्ना गांव (भगत सिंह) के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। भारतीय सेना के होनहार इंजीनियरों ने 115 फीट लंबा पुल बनाकर हजारों लोगों को 7 दशक बाद बड़ी मुसीबत से आजादी दिलाई है। इसके बाद हजारों लोगों का आवागमन सुगम हो जाएगा। यह गांव कश्मीर के माछल सेक्टर में पड़ता है, जो भारत-पाकिस्तान के बार्डर का अंतिम गांव कहलाता है। इस 11 फीट लंबे पुल को भगत सिंह के नाम से जाना जाएगा।
शहीद के नाम पर रखा पुल का नाम
बता दें कि इस पुल का नाम स्वर्गीय मेजर भगत सिंह दिया गया है, जो 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान के युद्ध में शहीद हो गए थे। इस बहादुरी के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। भारतीय सेना से जुड़े जवानों और अन्य स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में 90 वर्षीय 1971 युद्ध के अनुभवी और स्थानीय निवासी सिपाही मियां गुल खान द्वारा रिबन काटकर इसका उद्घाटन किया गया।
इस पुल का निर्माण भारतीय सेना के इंजीनियरों के कठिन प्रयासों से किया गया है, जिन्होंने माछल नाला पर सड़क और पुल की कमी से संबंधित कठिनाइयों से स्थानीय लोगों को मुक्ति दिलाई है। इससे लोगों को बड़ी राहत मिली है। बताया गया है कि भारतीय सेना के इंजीनियरों ने लगातार जारी बारिश और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद दो महीने तक कठिन मेहनत की। यह पुल जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति भारतीय सेना का एक तोहफा है।
इस पुल के अस्तित्व में आने के बाद स्थानीय लोगों को बहुत आराम मिलेगा। खासतौर से यहां पर रह रहे लोगों के बच्चों को स्कूल जाने में सहूलियत होगी। इसके अलावा बीमार लोगों और बुजुर्गों को भी आने-जाने में सुविधा होगी। इसके लिए यहां के लोगों ने भारतीय सेना को दिल से धन्यवाद दिया है। उन्हें यह भी उम्मीद है कि इससे पर्यटक उनके प्राचीन क्षेत्र में आएंगे और यहां पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
उधर, इससे पहले शनिवार को जम्मू-कश्मीर में सेना ने स्वतंत्रता दिवस से पहले बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास एक पुल का उद्घाटन किया था। बताया जा रहा है कि इसकी मदद से आवश्यक सेवाएं लोगों को मुहैया कराई जा सकेंगीं।