सोने की कीमतों में इस साल काफी ज्यादा उछाल देखने को मिला है। 2025 के पहले 4 महीनों में ही सोना 25% से ज्यादा चढ़ चुका है। यह आंकड़ा शेयर बाजार के मुकाबले काफी बेहतर है। वैश्विक स्तर पर मची उथल-पुथल से जहां इक्विटी मार्केट की चाल बुरी तरह प्रभावित हुई है। वहीं, सोने का निखार बढ़ा है। गोल्ड में निवेश बढ़ रहा है और इसकी कीमतें चढ़ रही हैं।
आज क्या है दाम?
गोल्ड प्राइस की बात करें, तो देश में सोना 97 हजार से ऊपर बना हुआ है। गुड रिटर्न्स के अनुसार, 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत 97,570 रुपये है। कल के मुकाबले इसमें महज 10 रुपये की कमी आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ के ऐलान के बाद सोने की दौड़ती कीमतें कुछ देर के लिए थम गई थीं, क्योंकि टैरिफ को लेकर तस्वीर साफ हो गई थी। इस वजह से तमाम एक्सपर्ट्स सोने के सस्ता होने के अनुमान लगाने लगे, लेकिन गोल्ड प्राइस छोटे से ब्रेक के बाद इतनी तेजी से बढ़े कि सभी अनुमान गलत साबित हो गए।
1 लाख के पार कब?
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ रहे टकराव के चलते सोने की कीमतों में फिर से तेजी आ रही है। बीते कुछ दिनों में गोल्ड जिस रफ्तार से ऊपर चढ़ा है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अगले कुछ दिनों में ही यह 1 लाख का आंकड़ा पार कर सकता है। कई कमोडिटी एक्सपर्ट्स का अब मानना है कि सोना फिलहाल तेजी के साथ आगे बढ़ता रहेगा। बीच में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती हैं, लेकिन इनके बहुत बड़ा होने की संभावना बेहद कम है।
इस बयान से बढ़ेगा निवेश
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के हालिया बयान से भी गोल्ड हो हवा मिली है। पॉवेल ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से महंगाई और बेरोजगारी बढ़ने का खतरा है। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान के तुरंत बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतों में तेजी देखी गई। मार्च 2023 के बाद गोल्ड प्राइस में पिछले बुधवार को एक दिन की सबसे बड़ी तेजी आई थी। माना जा रहा है कि पॉवेल के बयान के बाद सोने में निवेश बढ़ेगा और इसकी कीमतें तेजी से ऊपर चढ़ेंगी। इसके अलावा, उनके बयान से यह भी संकेत मिलता है कि यूएस फेड ब्याज दरों में कटौती को तवज्जो न दे, ऐसे में अमेरिकी शेयर बाजार दवाब में आ सकता है।
बाजार का पैसा गोल्ड में
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशक फेड से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन पॉवेल के बयान से निवेशकों को निराशा हुई है। उन्होंने कहा कि पिछली बार केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कटौती नहीं की थी, लेकिन यह संकेत दिया था कि आगे दो कटौती हो सकती हैं। इस उम्मीद में शेयर बाजार में मजबूती दिखाई दी थी, लेकिन अब कटौती की संभावना बेहद कम हो गई है। लिहाजा, मार्केट दबाव में आ सकता है और स्टॉक मार्केट में आने वाला पैसा गोल्ड या दूसरी एसेट में जा सकता है।
कैसे प्रभावित होती हैं कीमतें?
देश में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है कीमत?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।