नई दिल्ली: लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगाई पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। लोकसभा मे अपने जवाब में उन्होंने कहा कि महंगाई पर दूसरे देशों से तुलना करना ठीक नहीं। हमें कोराेना काल को ध्यान में रखना चाहिए।
We've never seen a pandemic of this kind…all of us were trying to make sure that people in our constituencies are given extra help. I recognise that everybody -MPs & State Govts- has played their role. Otherwise, India wouldn't be where it is compared to rest of the world: FM pic.twitter.com/22RPmJhmkg
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 1, 2022
आगे उन्हाेंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दूसरे देशों से बेहतर है। भारत में मंदी का कोई सवाल नहीं है। वह बोलीं विपरित हालतों में भी भारत की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही। उन्होंने कहा कि हम समस्याओं पर काम कर रहें हैं। देश में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ें लगातार बढ़ रहें हैं।
जीएसटी कलेक्शन बढ़ा
देश में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ें लगातार बढ़ रहें हैं। वित्त मंत्री लोकसभा में बोलीं पिछले छह माह में जीएसटी 1.4 लाख करोड़ से ज्यादा रही है। आगे उन्होंने बताया कि अमेरिका में जीडीपी केवल 0.9 फीसदी है। वहीं, चीन में चार हजार बैंक दिवालिया हो गए हैं।
राजनितिक सवाल
वित्त मंत्री ने कहा कि कई सदस्यों ने जो कुछ बातें कही हैं उनमें से कुछ को छोड़कर मुझे लगता है कि वह महंगाई या कीमतों की बजाए मूल्य वृद्धि के राजनीतिक कोणों पर अधिक थी। इसलिए मैं भी थोड़ा राजनीतिक जवाब देने की कोशिश करूंगी।
सरकार को घेरा
इससे पहले कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने महंगाई पर घेरा। वित्त मंत्री ने कांग्रेस के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी हमने कभी नहीं देखी। हम सभी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे थे कि हमारे निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों को अतिरिक्त मदद दी जाए। मैं मानती हूं कि सभी सांसदों और राज्य सरकारों ने अपनी भूमिका निभाई है। अन्यथा भारत वह नहीं होता, जहां उसकी तुलना दुनिया के बाकी हिस्सों से की जाती है। इसलिए मैं इसके लिए भारत के लोगों को पूरी तरह से श्रेय देती हूं। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में खड़े होने और पहचाने जाने में सक्षम हैं।
कांग्रेस का वॉकआउट
जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण महंगाई पर लोकसभा में जवाब दे रहीं थी तो विपक्ष ने उसका विरोध किया। कुछ देर विरोध के बाद विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।